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Thursday, January 12, 2023

अर्धसैनिक बल पुरानी पेंशन के हकदार, दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

पुरानी पेंशन पर हाईकोर्ट के फैसले का कितना असर, जानिए अब तक किन-किन राज्यों में लागू हुई ये योजना?

पहले जानिए CAPF के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा?
 

कोर्ट के इस फैसले के बाद सवाल है कि फैसले का कितना असर होगा? अब तक किन-किन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू हो चुकी है? क्या और भी राज्यों में इसे फिर से लागू किया जाएगा? आइए समझते हैं...


दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों यानी CAPF में पुरानी पेंशन व्यवस्था (Old pension Scheme) लागू करने का आदेश दिया है। श्रीनिवास शर्मा बनाम भारत सरकार केस में अदालत ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को 'भारत संघ के सशस्त्र बल' माना है। कोर्ट ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में एनपीएस को स्ट्राइक डाउन करने की बात कही है। इन बलों में चाहे कोई आज भर्ती हुआ हो, पहले कभी भर्ती हुआ हो या आने वाले समय में भर्ती होगा, सभी जवान और अधिकारी, पुरानी पेंशन के दायरे में आएंगे।


 पहले जानिए CAPF के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा?
 
दरअसल, 2004 के बाद से केंद्र सरकार की नौकरियों में भर्ती हुए सभी कर्मियों को पुरानी पेंशन के दायरे से बाहर कर दिया गया था। सभी को न्यू पेंशन स्कीम में शामिल कर दिया गया था। हालांकि, सेना के जवानों को अभी भी पुरानी पेंशन मिल रही है। लेकिन केंद्र सरकार, कई मामलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को सशस्त्र बल मानने को तैयार नहीं थी। पुरानी पेंशन का मुद्दा भी इसी चक्कर में फंसा हुआ था। सीएपीएफ को भी सिविल कर्मचारियों के साथ पुरानी पेंशन से बाहर कर दिया। उस वक्त सरकार का मानना था कि देश में सेना, नेवी और वायु सेना ही सशस्त्र बल हैं।


बीएसएफ एक्ट 1968 में कहा गया है कि इस बल का गठन भारत संघ के सशस्त्र बल के रूप में किया गया था। इसी तरह सीएपीएफ के बाकी बलों का गठन भी भारत संघ के सशस्त्र बलों के रूप में हुआ है। अब कोर्ट ने माना है कि सीएपीएफ भी भारत के सशस्त्र बलों में शामिल हैं। इस लिहाज से उन पर भी न्यू पेंशन स्कीम लागू नहीं होती। सीएपीएफ में कोई व्यक्ति चाहे आज भर्ती हुआ हो, पहले हुआ हो या भविष्य में हो, वह पुरानी पेंशन का पात्र रहेगा।


  तो इस फैसले का क्या असर होगा? 

इसे समझने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता चंद्र प्रकाश पांडेय से बात की। उन्होंने कहा, 'अभी दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आया है। ऐसे में संभव है कि केंद्र सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाए। सुप्रीम कोर्ट भी अगर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराता है तो सरकार को इसे मानना होगा। ऐसी परिस्थिति में CAPF यानी सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज में आने वाले सभी कर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल सकता है। CAPF में असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और एसएसबी शामिल हैं। इन सभी को कोर्ट के फैसले का फायदा मिल सकता है।'



  कई राज्यों में भी पुरानी पेंशन लागू

पुरानी पेंशन योजना इन दिनों राजनीतिक चर्चा का विषय बनी हुई है। हर चुनाव में विपक्ष की तरफ से पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाया जाता है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए कांग्रेस ने वादा किया था। अब इस बाबत कांग्रेस की हिमाचल सरकार ने कोशिशें भी शुरू कर दी हैं। जल्द ही इसका एलान भी हो जाएगा। कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पहले ही पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है। झारखंड में भी कांग्रेस गठबंधन की सरकार में शामिल है। यहां भी पुरानी पेंशन को लागू किया जा चुका है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल करने का एलान कर दिया है। अब आने वाले समय में अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव और फिर 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान भी पुरानी पेंशन का मुद्दा काफी चर्चा में रहने वाला है।



अर्धसैनिक बल पुरानी पेंशन के हकदार, दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला


नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी ‘सशस्त्रत्त् बल यानी सेना’ माना है। इस फैसले से केंद्रीय अर्ध-सैनिक बलों (सीएपीएफ) के वह हजारों कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में आ जाएंगे, जिन्होंने 2003 के बाद सेवाएं शुरू की हैं।


जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अगुवाई वाली पीठ ने अर्धसैनिक बलों को सशस्त्रत्त् बलों के समान मानते हुए यह फैसला दिया। कोर्ट ने कहा, केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के कर्मियों पर एनपीएस लागू नहीं होगी। पीठ ने 98 समूह याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह फैसला सुनाया। वकील अंकिता पटनायक ने बताया कि केंद्र सरकार ने 22 दिसंबर, 2003 को नई पेंशन योजना लागू की और इसमें सशस्त्रत्त् बल यानी सेना को इससे बाहर रखा। लेकिन केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों को एनपीएस के दायरे में रखा।


याचिकाकर्ता परमानंद यादव के मामले में अदालत ने कहा कि नियुक्ति के लिए यदि विज्ञापन एनपीएस की अधिसूचना से पहले निकाला गया है तो नियुक्ति कभी भी हो, पेंशन योजना का लाभ पाने का हकदार होगा।


इन्हें सीधा लाभ मिल सकेगा

फैसले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), असम राइफल्स, आईटीबीपी, बीएसएफ, एसएसबी, आईआरबी आदि को फायदा। सशस्त्र बलों के तहत सेना, नौसेना, वायुसेना आते हैं।

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