निकायों में तैनात केंद्रीयत व अकेंद्रीयत सेवा के लिपिकों के बदल जाएंगे पदनाम
नगर विकास विभाग सीएम के समक्ष जल्द रखेगा काडर पुनर्गठन का प्रस्ताव
लखनऊ। नगर निकायों में लिपिक संवर्ग के काडर पुनर्गठन की फिर कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए नगर विकास विभाग जल्द ही सीएम के समक्ष प्रस्ताव रखेगा। यहां से हरी झंडी मिलने के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट में भी रखा जा सकता है। प्रस्तावित काडर पुनर्गठन में केंद्रीयत व अकेंद्रीयत सेवा के लिपिकों के पदनाम भी बदल सकते हैं।
दरअसल, वेतन समिति (2008) ने लिपकीय संवर्ग के पुनर्गठन की संस्तुति की थी। इस आधार पर वर्ष 2015 में उप्र. पालिका केंद्रीयत व अकेंद्रीयत सेवा के लिपिकीय संवर्ग के काडर पुनर्गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया था। लेकिन इस पर अब तक कोई फैसला नहीं हो सका। उप्र स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ तब से काडर पुनर्गठन की मांग उठा रहा है। इस साल की शुरुआत में महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा समेत अन्य कर्मचारी नेताओं के साथ चर्चा के बाद काडर पुनर्गठन का प्रस्ताव तैयार करने की कार्यवाही शुरू की गई थी।
लिपिक भी बने सकेंगे मुख्य प्रशासनिक अधिकारी
काडर पुनर्गठन में लिपिकों का जहां पदनाम बदल जाएगा, वहीं उन्हें मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद तक प्रमोशन पाने का भी मौका मिलेगा। प्रस्तावित काडर में अकेंद्रीयत सेवा के कनिष्ठ लिपिक का पदनाम कनिष्ठ सहायक और वरिष्ठ लिपिक का पदनाम वरिष्ठ सहायक हो जाएगा। केंद्रीयत सेवा के कनिष्ठ लिपिक, वरिष्ठ लिपिक व वरिष्ठ सहायक के अलग-अलग पदनाम को समाप्त कर सिर्फ प्रधान सहायक और कार्यालय अधीक्षक को प्रशासनिक अधिकारी का पद नाम दिया जाएगा। पुनर्गठन में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद भी सृजित होंगे जिसे प्रमोशन से ही भरा जाएगा।