Searching...
Friday, December 16, 2022

भ्रष्टाचार में सरकारी कर्मी को दोषी ठहराने के लिए प्रत्यक्ष सुबूत अनिवार्य नहीं, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्णय

भ्रष्टाचार में सरकारी कर्मी को दोषी ठहराने के लिए प्रत्यक्ष सुबूत अनिवार्य नहीं,  सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्णय 


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी सरकारी कर्मचारी को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दोषी ठहराने के लिए प्रत्यक्ष सुबूत होना अनिवार्य नहीं है। पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा, शिकायतकर्ता की मृत्यु या अन्य किसी भी वजह से यदि रिश्वत की मांग और उसे लिए जाने के प्रत्यक्ष सबूत उपलब्ध न हों तो उसे परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर भी दोषी ठहराया जा सकता है। संविधान पीठ के समक्ष सवाल यह था कि 'क्या रिश्वत मांगने या देने के संबंध में प्रत्यक्ष साक्ष्य के अभाव में, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत परिस्थितिजन्य अनुमानों के आधार पर दोषसिद्धि हो सकती है।"


पीठ ने कहा, भ्रष्टाचार के मामलों में, जिनमें लोकसेवक आरोपी हो, तो शिकायतकर्ताओं और अभियोजन पक्ष को ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए कि भ्रष्ट लोक सेवक दंडित हों ताकि प्रशासन से भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके। जस्टिस अब्दुल नजीर जस्टिस वीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रह्मण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा, शासन को प्रभावित करने में भ्रष्टाचार की बड़ी भूमिका है और इस कारण ईमानदार अधिकारियों का मनोबल कम होता है फैसला सुनाते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा, किसी अधिकारी को प्रत्यक्ष सबूतों या फिर मौखिक या दस्तावेजी प्रकृति के सबूतों के आधार पर दोषी ठहराया जा सकता है।



धीमा हो जाता है राष्ट्र निर्माण

भ्रष्टाचार में लिप्त लोकसेवक एक बड़ी समस्या बन गया है। यह हर जगह फैल गया है। सार्वजनिक गतिविधि का कोई भी पहलू इस बदबू से अप्रभावित नहीं रह गया है। इसका पूरे देश के कामकाज पर गहरा और व्यापक प्रभाव पड़ता है। बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों को धीमा कर देता है। सभी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। _ सुप्रीम कोर्ट



प्रत्यक्ष सुबूत की कमी स्वतः बरी होने का आधार नहीं : केंद्र

इस मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ को कहा था कि उसके सामने अपने 2015 के एक फैसले में यह स्पष्ट करने का शानदार अवसर है कि भ्रष्टाचार के मामले में प्रत्यक्ष या प्राथमिक सुबूत की कमी भ्रष्टाचारी के स्वतः बरी हो जाने का आधार नहीं है।

पीठ ने कहा, शिकायतकर्ता के साक्ष्य और रिश्वत की मांग के प्रत्यक्ष या प्राथमिक साक्ष्य के अभाव में, धारा 7 और धारा 13 (1) (डी) के तहत लोक सेवक के अपराध का निष्कर्ष निकाला जा सकता है।



भ्रष्टाचार से जनता का भरोसा खत्म होता है।

एबी भास्कर राव बनाम सीबीआई के फैसले का हवाला देते हुए जस्टिस बीवी नगरत्ना ने कहा कि इन फैसलों में न्यायालय ने संकेत दिया है कि लोक सेवकों में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण संस्थानों के प्रति जनता के विश्वास को खत्म करता है। इससे संस्थान का कामकाज प्रभावित होता है।


■ तीन जजों की पीठ ने 2015 के फैसले में असंगति बताई थी

फरवरी 2019 में तीन जजों की पीठ ने इस मामले को संविधान पीठ के सुपुर्द करने के लिए चीफ जस्टिस को भेजा था। पीठ ने कहा था कि 2015 के शीर्ष कोर्ट के फैसले में इस बारे में विसंगति है। उस फैसले में कहा गया था कि यदि लोकसेवक के खिलाफ प्राथमिक सबूत की कमी है तो उसे बरी होना चाहिए।

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स