सरकारी कर्मियों-पेंशनरों के हेल्थ कार्ड नहीं बन पा रहे
22 लाख कर्मचारी और पेंशनर हैं उत्तर प्रदेश में, 02 लाख के करीब ही अभी बने हैं स्टेट हेल्थ कार्ड
प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के सामने फिलहाल कैशलैस इलाज पाने का संकट पैदा हो गया है। हजारों लोगों के आधार प्रमाणीकरण और स्टेट हेल्थ कार्ड अटक गए हैं। पिछले एक महीने से अधिक समय से यह दिक्कत चल रही है। योजना का काम देख रही नोडल एजेंसी सांचीज के दफ्तर में शिकायतों का अंबार लगा है।
प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के करीब 22 लाख परिवारों को कैशलैस इलाज की सुविधा देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय कैशलैस योजना शुरू की है। इसके तहत सभी कर्मचारियों व पेंशनरों के स्टेट हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं। यही हेल्थ कार्ड उनकी यूनिक आईडी होगी, जिसे दिखाने पर उन्हें कैशलैस इलाज की सुविधा मिल सकेगी।
हेल्थ कार्ड बनाने का काम गति पकड़ पाता, उससे पहले ही ब्रेक लग गए। दरअसल किसी भी कर्मचारी या पेंशनर को योजना के स्टेट पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। सरकारी कर्मियों का डीडीओ और पेंशनरों का ट्रेजरी अफसर द्वारा ऑनलाइन ही प्रमाणीकरण होता है। उसके बाद वह आवेदन खुद ब खुद राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सेंट्रल पोर्टल पर चला जाता है। मगर सेंट्रल पोर्टल ओवरलोडेड होने के कारण अब आवेदन वहीं अटक जा रहे हैं।