NPS पर नाराजगी दूर करने की कवायद बनी टीम, एक बार फिर बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं केंद्रीय एवं राज्य कर्मचारी, लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाने की तैयारी
प्रयागराज : न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) एक बार फिर बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है। कर्मचारियों की इस नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार की ओर से भी कवायद शुरू की गई है। इसके लिए अफसरों की टीम बनाई गई है। इसमें शामिल एनएसडीएल के अफसर शहर-शहर में कार्यशाला आयोजित कर एनपीएस की खूबियों को बता रहे हैं।
पुरानी पेंशन की मांग को लेकर कर्मचारी लगातार आंदोलनरत हैं। इस नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार की ओर से अंशदान बढ़ाने के साथ कई अन्य फैसले लिए गए, लेकिन नाराजगी दूर नहीं हुई।
इस नाराजगी दूर करने के लिए सरकार की ओर से अब कार्यशाला आयोजित कर एनपीएस के पक्ष में तर्क रखे जाने की कवायद शुरू की गई है। इसी क्रम में एनएसडीएल के विशेषज्ञों की टीम की ओर से विगत पांच दिनों में प्रयागराज, प्रतापगढ़ और मिर्जापुर में कार्यशाला आयोजित की गई।
बैठक में यह बताने की कोशिश की गई कि एनपीएस अफसरों और कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है। इसी क्रम में अब विभागों संस्थानों में जाकर तथा बैठकें करके कर्मचारी नेताओं एवं उनके बीच दखल रखने वाले अफसरों को समझाने की रणनीति बनाई गई है।
हालांकि, बैठक में मौजूद अफसर ही एनएसडीएल टीम की तर्क से बहुत संतुष्ट नहीं दिखे। बैठक में शामिल एक अफसर का कहना है कि पेंशन की अनिश्चितता, पांच लाख रुपये से कम राशि होने पर पेंशन न देने समेत कई बिंदु हैं, जिस पर पक्षकारों के पास कोई ठोस जवाब नहीं है।
होगा आंदोलनः पुरानी पेंशन की बहाली के लिए एक बार फिर आंदोलन होने जा रहा है। रेलवे के अलग-अलग संगठनों की ओर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की गई है। शिक्षकों ने आंदोलन की रणनीति बनाई है तो उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी परिषद समेत अन्य संगठन भी पुरानी पेंशन से कम पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं परिषद के प्रदेश महासचिव राजेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि सवा दो लाख रुपये वेतन पाने वाले मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की पेंशन 14 हजार रुपये से भी कम बनती है। इस विसंगति को दूर करने के लिए सरकार के पास क्या तर्क हैं।
अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का भी कहना है कि पेंशन फंड में आई पूरी राशि सरकार चाहे जैसे खर्च करे। कर्मचारियों को उससे कोई मतलब नहीं होगा। बस आखिरी वेतन का 50 फीसदी राशि पेंशन के रूप में मिलनी चाहिए। इसके अलावा पुरानी पेंशन के अन्य लाभ भी मिलने चाहिए।
लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाने की तैयारी
उत्तर प्रदेश विधानसभा से पहले यह बड़ा मुद्दा बना था। इससे बने दबाव के बाद राजस्थान सरकार की ओर से पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा की जा चुकी है। कई अन्य राज्यों में भी इसकी तैयारी है। ऐसे में दबाव बढ़ाने के लिए कर्मचारियों ने 2024 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव से पहले इसे मुद्दा बनाने की तैयारी की है।