नई दिल्ली । निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) को अपने आधार से जोड़ने का प्रावधान मतदाताओं के लिए स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं। आयोग तृणमूल कांग्रेस के उस दावे का जवाब दे रहा था कि अधिकारी लोगों को मतदाता पहचान पत्र अपने आधार से जोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
आयोग ने ट्विटर पर जवाब देते हुए कहा कि फॉर्म 6बी (आधार विवरण साझा करने के लिए जारी नया फॉर्म) में आधार का विवरण देना 'स्वैच्छिक' है। आयोग ने इस संबंध में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को जारी निर्देशों का 'लिंक' साझा करते हुए कहा, 'आधार जमा नहीं करने के आधार पर मतदाता सूची से कोई प्रविष्टि नहीं हटाई जाएगी।'
तृणमूल कांग्रेस का आरोप : तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले ने सोमवार को दावा किया कि चुनाव अधिकारी लोगों को मतदाता पहचान पत्र ( वोटर आईडी) अपने आधार से जोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
गैर-सरकारी संगठन इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन के ट्वीट का हवाला देते हुए गोखले ने कहा कि चुनाव अधिकारियों द्वारा वोटर आईडी को आधार से जोड़ने के लिए लोगों को मजबूर किए जाने के कई मामले' सामने आए हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'हमने आज निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण जारी करने और इसे तुरंत रोकने को कहा है।'