यूपी सरकार ने तबादलों पर लगाई रोक, सीएम की अनुमति के बिना नहीं हो सकेंगे तबादले
बदलाव : समूह ग व घ के तबादले भी सीएम की मंजूरी से ही, अभी विभागीय मंत्री को था इसका अधिकार
लखनऊ। स्थानांतरण नीति-2022 23 के तहत स्थानांतरण सत्र समाप्त होने के बाद अब प्रदेश सरकार के सभी विभागों में समूह 'ग' और 'घ' के कर्मचारियों के तबादले भी मुख्यमंत्री की मंजूरी से होंगे। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने मंगलवार को इसका शासनादेश जारी किया।
स्थानांतरण नीति के तहत स्थानांतरण सत्र समाप्त होने के बाद समूह 'ग' और 'घ' के तबादले का अधिकार विभागीय मंत्री को दिया गया था। वहीं, समूह क और ख के तबादले मुख्यमंत्री के अनुमोदन से करने का प्रावधान है। मगर, मंगलवार को इसमें बदलाव कर दिया गया। मुख्य सचिव ने शासनादेश जारी किया है कि 'ग' और 'घ' के कार्मिकों का तबादला करने के लिए भी मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक होगा। उन्होंने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को इसका सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ : यूपी सरकार ने तबादले के नाम पर होने वाले खेल पर रोक लगा दी गई है। स्थानांतरण सत्र के बाद अनुसेवक से लेकर अफसरों तक के तबादले मुख्यमंत्री की अनुमति पर किए जा सकेंगे। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने मंगलवार को कार्मिक विभाग के इस शासनादेश जारी कर दिया है।
इसमें कहा गया है कि 15 जून को सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले को लेकर नीति जारी की गई थी। इसमें विभागाध्यक्षों को मंत्री की अनुमति से 30 जून तक तबादले का अधिकार दिया गया था। यह समय सीमा समाप्त हो गई है। स्थानांतरण सत्र समाप्त होने के बाद समूह ‘क’, ‘ख’, ‘ग’ व ‘घ’ के कार्मिकों के सभी प्रकार के स्थानांतरण के लिए मुख्यमंत्री से अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा। इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
इसके पहले स्थानांतरण सत्र समाप्त होने के बाद समूह ‘क’ व ‘ख’ के अफसरों के तबादले की अनुमति मुख्यमंत्री से लेनी पड़ती थी। नई व्यवस्था में सभी श्रेणी के कर्मियों के लिए अब अनुमति लेनी होगी। माना जा रहा है यह फैसला स्थानांतरण सत्र के दौरान हुई धांधली के बाद लिया गया है। नई व्यवस्था में तबादले को लेकर होने वाली मनमानी खत्म हो जाएगी। मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना कोई भी तबादले नहीं हो सकेंगे।