01 से 30 सितंबर 2022 तक राष्ट्रीय पोषण माह के आयोजन संबंधी निर्देश जारी।
उत्तर प्रदेश में पोषण माह-2020 एक सितंबर से, अति कुपोषित बच्चों की देखभाल पर होगा फोकस
30 सितम्बर तक चलेगा राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम, पंचायत स्तर पर पोषण गतिविधियां होंगी संपादित
30 सितम्बर तक राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम चलेगा। जिसमें पंचायत स्तर पर पोषण गतिविधियां संपादित की जाएंगी। पोषण पंचायत, पोषण जन आंदोलन तथा कन्वर्जेन्स के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्र को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने की प्रकिया पर विशेष जोर दिया जायेगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार माह सितम्बर को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसी क्रम में जनपद में पंचम राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारम्भ एक सितम्बर से किया गया है, जो 30 सितम्बर तक चलाया जायेगा। पोषण अभियान एक बहु-मंत्रालयी कन्वर्जेन्स मिशन है जो प्रधानमंत्री जी के विजन सुपोषण भारत (कुपोषण मुक्त भारत) पर आधारित है। पोषण अभियान के प्रभावशाली क्रियान्वयन के लिए जन आन्दोलन और सामुदायिक भागीदारी से सम्पन्न कराया जा रहा हैं।
जिसमें सम्बन्धित विभागों के समन्वय से ग्रामीण स्तर पर ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में गठित ग्राम पंचायत की विभिन्न समितियों के माध्यम से पोषण पंचायत आयोजित करते हुए पोषण अभियान को जन आन्दोलन से जन भागीदारी की ओर उन्मुख किया जायेगा। इसमें पोषण पंचायत, पोषण जन आंदोलन तथा कन्वर्जेन्स के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्र को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने की प्रकिया पर विशेष महत्व दिया जायेगा।
भारत सरकार की ओर से पोषण 2.0 के तहत इस वर्ष के पोषण माह का मुख्य फोकस अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुये पंचायत स्तर पर पोषण गतिविधियों संपादित की जानी हैं। उन्होंने बताया कि पोषण माह के दौरान विभिन्न गतिविधियां संपादित की जायेंगी। जिसमें पोषण पंचायत का गठन व क्रियाशीलता तथा पोषण पंचायत के माध्यम से पोषण गतिविधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, संभव अभियान का आयोजन, स्वस्थ्य बालक-बालिका प्रतियोगिता का आयोजन, स्कूल केन्द्रित गतिविधियां जैसे-स्कूलों में पोषण मेले का आयोजन, निबन्ध प्रतियोगिता, आंगनवाड़ी केन्द्र एवं सामुदायिक भूमि पर पोषण वाटिका को बढ़ावा देना तथा जन आन्दोलन के माध्यम से संवेदीकरण आदि कार्य किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पोषण माह-2020 की समस्त गतिविधियों को केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित करने का निर्देश दिया है।
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'पोषण माह-2020' की समस्त गतिविधियों को केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित करने का निर्देश दिया है। कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत केंद्र ने पोषण माह के दौरान डिजिटल मंचों का प्रयोग करने पर जोर दिया है। सेवा प्रदाताओं के लिए प्रत्येक स्तर पर डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने के निर्देश देते हुए सीएम योगी ने संबंधित विभागों को इसके लिए अपने स्तर से संचालित करने के लिए कहा है।
पहली से 30 सितंबर तक संचालित किये जाने वाले पोषण माह के दौरान केंद्र सरकार के निर्देशानुसार वर्ष अति तीव्र कुपोषित तथा तीव्र कुपोषित (सैम/मैम) बच्चों की पहचान और प्रबंधन की कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा, पोषण वाटिका की स्थापना, स्तनपान व ऊपरी आहार को प्रोत्साहित भी किया जाएगा। पोषण माह को सफल बनाने के लिए इस दौरान आइसीडीएस विभाग द्वारा सैम/मैम बच्चों की पहचान और उन्हें चिन्हित किया जाएगा। चिन्हित सैम/मैम बच्चों की समुदाय स्तर पर देखभाल के लिए पोषण पंचायत की बैठकें होंगी।
इन बैठकों में कुपोषण की समस्या का समाधान खोजकर पात्र परिवारों तक सेवाएं पहुंचायी जाएंगी। गर्भवती महिलाओं तथा दो वर्ष से कम आयु के बच्चों की निगरानी के लिए घर-घर भ्रमण किया जाएगा। स्तनपान और ऊपरी आहार पर परामर्श दिया जाएगा। अनुपूरक पोषाहार वितरित किया जाएगा। पंचायतीराज विभाग के साथ मिलकर पौधा रोपण व पोषण वाटिका स्थापित की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा चिन्हित किये गए कुपोषित बच्चों की पहचान, स्वास्थ्य जांच व आवश्यक उपचार के साथ-साथ चिकित्सा इकाइयों में स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूक किया जाएगा।
ग्राम्य विकास विभाग खाली जमीन पर पोषण वाटिका स्थापित करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सहयोग देगा। श्रमिक महिलाओं के बच्चों को पोषण अभियान का लाभ दिया जाएगा। पंचायतीराज विभाग प्रत्येक सप्ताह पोषण पंचायत का आयोजन करेगा और ग्राम पंचायत में कुपोषण की स्थिति के अनुसार आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगा। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि पोषण माह के दौरान संचालित गतिविधियों की रिपोर्टिंग केंद्र सरकार के जन-आंदोलन डैश बोर्ड पर की जाएगी।