सरकारी कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल करने की जनहित याचिका खारिज, देखें कोर्ट आर्डर
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसले में कहा कि सेवा संबंधी मामलों में जनहित याचिका (पीआईएल) सुनवाई के लिए ग्रहण करने योग्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की नजीरों के हवाले से कोर्ट ने मामले में यह विधि व्यवस्था देकर राज्य सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल करने की पीआईएल को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश विनोद कुमार गर्ग की याचिका पर दिया।
याची ने प्रदेश के राज्य के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने के लिए निर्देश राज्य सरकार को जारी करने की गुजारिश की थी।
कोर्ट ने मामले की शुरुआती सुनवाई के बाद कहा कि जहां तक राज्य सरकार के कर्मचारियों की सेवा शर्तों का संबंध है, याचिकाकर्ता पूरी तरह से अजनबी है। यानी उसका मामले से कोई लेना-देना नहीं है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक से अधिक मामलों में स्पष्ट रूप से कहा है कि सेवा मामलों में कोई जनहित याचिका अनुरक्षण योग्य