बदलाव : NPS में अब चार बार निवेश विकल्प बदल सकेंगे
नई दिल्ली : राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में अब ग्राहकों को साल में चार बार परिसंपत्ति आवंटन (एसेट एलोकेशन) में बदलाव का मौका मिलेगा। अभी कोई ग्राहक एक साल में दो बार अपने एसेट अलोकेशन में बदलाव कर सकता है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेलवपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) का कहना है कि ग्राहकों की मांग के बाद इसमें बदलाव किया गया है।
नए नियम के मुताबिक एनपीएस के टियर-1 और टियर-2 अकाउंट में बराबर-बराबर बदलाव किए जा सकेंगे। यह बदलाव एक साल में चार बार हो सकेगा। एनपीएस में टियर-1 खाता अनिवार्य होता है, जिसका लॉक इन पीरियड लंबा होता है। पीएफआरडीए के मुताबिक यह बदलाव वित्त वर्ष की चार तिमाहियों में एक-एक बार या एक तिमाही में चार बार भी किए जा सकते हैं और यह एनपीएस निवेशकों के पर निर्भर करेगा।
इस सुविधा से ग्राहकों को होगा फायदा
एनपीएस में ग्राहक को अपना पैसा तीन तरह के एसेट में लगाने की छूट मिलती है। ग्राहक अपना पैसा इक्विटी, सरकारी सिक्योरिटी और कॉरपोरेट बॉन्ड में लगाते हैं। नए नियम के तहत यदि ग्राहक को लगे कि किसी अन्य एसेट में ज्यादा रिटर्न मिल रहा है तो वह उसे चुन सकता है। इसके अलावा अब वे एक से अधिक फंड मैनेज का चुनाव कर सकेंगे। अभी एनपीएस में सात फंड मैनेजर आते हैं, जिनमें से एक का चुनाव करना होता है। नए बदलाव से ग्राहक अब हर पेंशन फंड की एनपीएस स्कीम का जोखिम जान सकेंगे।