वेतन को लेकर होमगार्ड्स को बड़ी राहत, गृह विभाग के बजाय होमगार्ड्स विभाग से मिलेगा वेतन
यूपी के होमगार्ड्स एवं कारागार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने शुक्रवार को बताया कि 33996 होमगार्ड्स स्वयंसेवकों का वेतन अब होमगार्ड्स विभाग से दिया जाएगा।
यूपी के होमगार्ड्स एवं कारागार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने शुक्रवार को बताया कि 33996 होमगार्ड्स स्वयंसेवकों का वेतन अब होमगार्ड्स विभाग से दिया जाएगा, जिससे अब उन्हें वेतन मिलने में देरी नहीं होगी। पहले उनका वेतन गृह विभाग से दिया जाता था।
अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनका अनुरोध स्वीकार करके यह बदलाव किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया था कि इन जवानों के ड्यूटी एवं वेतन के लिए गृह विभाग पर निर्भर रहने से उनके सामने समय-समय पर असहज स्थिति आती रहती है। इस समस्या को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने बजट को गृह विभाग से अलग करते हुए होमगार्ड्स विभाग को दे दिया।
वर्तमान में 25 हजार होमगार्ड्स जवान गृह विभाग से संबद्ध होकर विभिन्न थानों में एवं 8996 होमगार्ड्स जवान यूपी 112 में तैनात हैं। इनके के लिए 755 करोड़ रुपये एवं 320 करोड़ रुपये की बजट की व्यवस्था है। इस बजट को वित्त विभाग ने अब होमगार्ड्स विभाग को दे दिया है। पूर्व की व्यवस्था में होमगार्ड्स जवानों को गृह विभाग से ड्यूटी के भुगतान में विलंब होता था, जिससे उन्हें अपने जीविकोपार्जन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
मंत्री ने बताया कि आजीवन कारावास के तहत निरुद्ध कैदियों से संबधित नियमावली में परिवर्तन किया गया है। पहले आजीवन कारावास के तहत 16 या 20 साल की सजा पूरी कर लेने के बाद भी कैदियों को 60 वर्ष की आयु सीमा तक जेल में रहना पड़ता था। अब इसमें बदलाव करते हुए 60 साल की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। अब कोई भी कैदी अपनी 16 से 20 साल की सजा पूरी करने के बाद जेल से रिहा हो सकेगा। इससे कैदियों की मनोदशा में सकारात्मक बदलाव आया है।