महिला कर्मचारियों से शाम सात से सुबह छह बजे के बीच नहीं करा सकेंगे काम
महिला सुरक्षा के लिए सरकार ने उठाया अहम कदम
लखनऊ । महिला सुरक्षा एवं उनके अधिकारों के लिए प्रदेश सरकार ने अहम कदम उठाया है। महिला कर्मचारी को उसकी लिखित सहमति के बिना प्रातः छः बजे से पूर्व तथा शाम सात बजे के बाद कार्य करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। इस अवधि के मध्य महिला द्वारा कार्य करने से इंकार करने पर कार्य से हटाया नहीं जाएगा।
प्रदेश सरकार ने राज्य के समस्त कारखानों में महिला कर्मकारों के नियोजन के संबंध में कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 66 की उपधारा (1) के खंड (ख) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह छूट प्रदान की है।
इस बाबत अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार अब इन शर्तों के साथ महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। यदि महिला लिखित सहमति देती हैं तो
इस अवधि में कार्य करने से इंकार करने पर महिला को काम से हटाया नहीं जाएगा।
शाम 7 बजे से प्रातः 6 बजे के मध्य कार्यरत महिला कर्मकार को कारखाना के नियोजक द्वारा उसके निवास स्थान से कार्यस्थल तक आने और वापस जाने के लिए निःशुल्क परिवहन उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही इस अवधि में कार्यरत महिला कर्मकार को कारखाना के नियोजक द्वारा भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। नियोजक को कार्यस्थल के निकट शौचालय, बाथरूम, परिवर्तन कक्ष और पेयजल व अन्य सुविधाएं सुनिश्चित करनी होंगी। इस अवधि में कार्य लिए एक साथ कम से कम चार महिला कर्मकारों को परिसर में अथवा किसी विशिष्ट विभाग में कार्य करने की अनुमति देनी होगी।