पुराने वेतन की मांग नहीं कर सकता पूर्व सैन्यकर्मी : कोर्ट
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पूर्व सैन्यकर्मी सरकारी सेवा में आने पर अपने अंतिम वेतन (सेना में रहने के दौरान) के बराबरका हकदार नहीं होगा।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा, सशस्त्र बलों में अंतिम आहरित वेतन का संदर्भ केवल यह सुनिश्चित करने के लिए है कि केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) (पुनर्नियुक्त पेंशन भोगियों के वेतन का निर्धारण) आदेश, 1986 के पैरा आठ में लिखित सिविल पद पर वेतन की गणना सशस्त्र बलों में कर्मियों द्वारा अंतिम आहरित मूल वेतन (स्थगित वेतन सहित लेकिन अन्य लाभों को छोड़कर) से अधिक न हो। याचिकाकर्ता भारतीय सेना में मेजर थे। उन्हें जुलाई 2007 को सेवा से मुक्त कर दिया गया था। बाद में उन्हें सीआरपीएफ में सहायक कमांडेंट के रूप में 15600-39100 रुपये के वेतनमान के साथ ( ग्रेड पे 5400 रुपये) में नियुक्त किया गया।