आयकर विभाग ने रिटर्न दाखिल करने का बढ़ाया दायरा, ऐसे लोग भी फाइल करेंगे ITR
आयकर विभाग ने अपने रिटर्न फाइल करने का दायरा और बढ़ा दिया है। विभाग ने ऐसे लोगों को भी कर की श्रेणी में शामिल किया है जिनकी आय वास्तव में कर योग्य नहीं है, लेकिन विभाग द्वारा लागू किए गए कुछ नियमों के तहत वे दायरे में आ गए हैं तो उन्हें भी इस बार रिटर्न फाइल करना होगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के नए निर्देशों के तहत व्यक्तियों, पेशेवर लोगों को आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होगा, चाहे उनकी आय करयोग्य सीमा में आती हो या नहीं। अभी आयकर में छूट की सीमा 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए 2.5 लाख, 60 से 80 वर्ष की आयु के लिए तीन लाख, 80 वर्ष से आयु से अधिक के लिए पांच लाख रुपये है। अब नए निर्देशों के मुताबिक जिनका विक्रय धन 60 लाख रुपये से ऊपर है। या पेशे से आय 10 लाख रुपये से ऊपर हैं, उन्हें भी रिटर्न अनिवार्य रूप से फाइल करना होगा।
इसी तरह अगर 60 वर्ष कम आयु के किसी व्यक्ति का वर्ष में 25 हजार रुपये टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) या टीसीएस (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) वार्षिक कटा है तो उसे भी रिटर्न फाइल करना होगा। वहीं, 60 वर्ष से अधिक की आयु पर यह कटौती 50 हजार रुपये या अधिक हैं तो उसे भी रिटर्न फाइल करना होगा। अभी तक वरिष्ठ नागरिक को सिर्फ उसी स्थिति में रिटर्न फाइल करना था जब उन्हें कोई कारोबारी आय हो।
INCOME TAX : बड़े लेन-देन वालों को भी भरना होगा ITR
आयकर रिटर्न (आईटीआर) का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार ने नए नियम बनाए हैं। इसके तहत बड़े लेन-देन करने वालों के लिए आईटीआर को अनिवार्य बनाया गया है।
प्रोफेशनल भी दायरे में: वित्त मंत्रालय के नए नोटिफिकेशन के मुताबिक, यदि किसी व्यक्ति की आय कर छूट दायरे में हैं, लेकिन उसके बैंक खाते में सालाना 60 लाख रुपये से ज्यादा के लेनदेन हो रहे हैं तो उसे अनिवार्य रूप से आईटीआर दाखिल करना होगा। इसी तरह प्रोफेशनल की सालाना कमाई 10 लाख से ज्यादा होने पर भी रिटर्न भरना अनिवार्य किया गया है।
अप्रैल से लागू: यह नियम 21 अप्रैल 2022 से लागू हो गए हैं। नोटिफिकेशन के मुताबिक, एक साल में टीडीएस या टीसीएस की रकम 25 हजार रुपये से ज्यादा होने पर भी आईटीआर फाइल करना होगा।