इस महीने के अंत तक पांच वर्ष के लिए आएगी स्थानांतरण नीति
लखनऊ : प्रदेश की स्थानांतरण नीति के तहत इस सत्र में राज्य कर्मचारियों के तबादले तो होंगे ही, उनकी कुर्सियां भी बदलेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन के लिए अगले 100 दिनों में प्रदेश में कार्मिकों के पटल परिवर्तन की प्रभावी व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है। वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक के लिए राज्य की वार्षिक स्थानांतरण नीति अप्रैल के अंत तक जारी करने का निर्देश भी दिया है।
गुरुवार को मंत्रिपरिषद के समक्ष नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की कार्ययोजनाओं के प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया। शासन से लेकर फील्ड स्तर तक के सरकारी कार्यालयों में बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे हुए हैं। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है, लाल फीताशाही भी पनपती है। इसलिए मुख्यमंत्री ने 100 दिनों में कार्मिकों के पटल परिवर्तन की व्यवस्था को लागू करने के लिए कहा है।
योगी सरकार सरकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण की नई नीति जल्द जारी करेगी। यह सरकार के पूरे पांच वर्ष के कार्यकाल के लिए होगी। नई नीति अब तक जारी न होने का मामला प्रमुखता से उठा था। मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक के लिए वार्षिक स्थानान्तरण नीति अप्रैल महीने के अंत तक जारी करने का निर्देश दिया।
उन्होंने विभागों के सीधी भर्ती के सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से इंडक्शन ट्रेनिंग की व्यवस्था लागू करने को कहा है। इसके लिए समस्त प्रशासनिक विभागों को इंडक्शन ट्रेनिंग मॉड्यूल और वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर तैयार करने का निर्देश दिया है।
एक जिले में तीन साल से जमे कर्मचारी हटेंगे, प्रस्ताव तैयार, इस बार ऑनलाइन होंगे अधिकतर स्थानांतरण
स्थानांतरित अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या 20 प्रतिशत तक ही रखने का विचार, ऑनलाइन होंगे तबादले
लखनऊ : राज्य कर्मियों के लिए सालाना तबादला नीति जल्द आने वाली है। इस बार अधिकतर ऑनलाइन तबादले किए जाएंगे। मेरिट के आधार पर अच्छे काम करने वालों को मनचाहे जिलों में तैनाती दी जाएगी। इसके लिए उनसे ऑनलाइन विकल्प लिए जाएंगे। तीन साल से एक ही जिले में कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे। कार्मिक विभाग ने इसके लिए प्रारूप तैयार कर लिया है और कैबिनेट मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा।
राज्य सरकार हर साल तबादला नीति लाती है। इसमें पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस बार ऑनलाइन तबादले की अनिवार्यता की जा रही है। इसके लिए सभी विभागों से मानव संपदा पोर्टल पर अधिकारियों और कर्मचारियों का ब्यौरा ऑनलाइन कराया जा रहा है। इसका मकसद तबादले में धांधली को रोकना है।
प्रस्ताव के मुताबिक समूह ‘क’ व ‘ख’ के जो अधिकारी अपने सेवाकाल में एक ही जिले में तीन साल और मंडल में सात वर्ष पूरा करने वाले इसके दायरे में आएंगे।
समूह ‘क’ के अफसरों को उनके गृह मंडल व समूह ‘ख’ के अफसरों को उनके गृह जिले में तैनात न करने का प्रस्ताव है। स्थानांतरित अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या 20 प्रतिशत तक ही रखने का विचार है। इस सीमा से अधिक होने पर विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।