तबादला सत्र शुरू, कर्मियों को स्थानान्तरण नीति का इंतजार, 2021-22 तक के लिए जारी की गई थी स्थानांतरण नीति
योगी-1.0 सरकार ने 29 मार्च 2018 को एक साथ 2018-19 से 2021-22 के लिए तबादला नीति घोषित की थी। नीति में तबादले 31 मई तक पूरी करने की व्यवस्था थी। अब नई नीति का इंतजार है। इसमें देरी होने से कर्मचारियों को मुश्किल होती है।
उत्तर प्रदेश में नया स्थानांतरण सत्र शुरू हो गया है लेकिन अब तक नई तबादला नीति नहीं जारी हुई है। अधिकारियों व कर्मचारियों से लेकर सरकार के मंत्रियों तक को नई स्थानांतरण नीति का बेसब्री से इंतजार है। योगी-1.0 सरकार ने 29 मार्च 2018 को एक साथ 2018-19 से 2021-22 के लिए तबादला नीति घोषित की थी। नीति में तबादले 31 मई तक पूरी करने की व्यवस्था थी। इसके बाद तय प्रक्रिया के तहत सक्षम स्तर (विभागाध्यक्ष, शासन, मंत्री या मुख्यमंत्री) से अनुमति लेकर तबादले किए जा सकते थे।
वर्ष 2020 में कोविड महामारी का प्रसार बढ़ा तो 12 मई 2020 को कुछ प्रतिबंधों के साथ सभी तबादलों पर रोक लगा दी गई। योगी-1.0 सरकार के आखिरी वर्ष 2021-22 में चुनाव से पहले तबादले की कार्यवाही शुरू की गई। लेकिन कोविड के चलते 15 जून 2021 को स्थानांतरण नीति के तहत आदेश हुए और 15 जुलाई तक तबादले करने को कहा गया। यह नीति 31 मार्च 2022 को समाप्त हो चुकी है।
अब एक अप्रैल से स्थानांतरण सत्र 2022-23 शुरू हो चुका है। पूर्व की नीति के अनुसार हर वर्ष विभाग के कार्मिकों की संख्या के 20 प्रतिशत तक तबादलों की अनुमति दी जाती रही है। जिले में 3 वर्ष व मंडल में 7 वर्ष पूरा करने वाले कर्मी हटाए जाते रहे हैं। विधानसभा चुनाव से जुड़े जो कार्मिक एक स्थान पर तीन वर्ष पूरा कर चुके थे, उन्हें हटाया जा चुका है। लेकिन, अन्य कर्मचारियों को तबादलों का इंतजार है। कर्मचारियों का कहना है कि समय से स्थानांतरण न होने से सबसे ज्यादा मुश्किल बच्चों के स्कूलों में दाखिले को लेकर होती है। कई बार अच्छे स्कूलों में दाखिला नहीं मिल पाता। बीमारी व अन्य वाजिब कारणों से तबादले के लिए परेशान कर्मियों को भी नई तबादला नीति का इंतजार है।
ऑनलाइन मेरिट बेस्ड प्रणाली पर भी नजर
प्रदेश सरकार पिछले कई वर्षों से ऑनलाइन मेरिट बेस्ड प्रणाली से तबादलों की वकालत करती रही है। लेकिन अब तक इस प्रणाली से तबादले अनिवार्य नहीं किए जा सके हैं। इससे कई विभाग अभी भी इस सिस्टम से अपने को बाहर रख लेते हैं। स्थानांतरण सत्र 2021-22 के स्थानांतरण आनलाइन मेरिट बेस्ड प्रणाली से करने को तो कहा गया है, लेकिन इसे यथासंभव कहकर सीमित कर दिया गया। कर्मियों की नजर है कि क्याइस बार ऑनलाइन तबादले अनिवार्य हो पाएंगे या नहीं।