सौ दिन, छह माह और प्रतिवर्ष के लक्ष्य बनाकर करें काम, सीएम योगी ने पहली बैठक में ही दिए ये निर्देश, देखें
लखनऊ: नए कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को समझा दिया है कि अगले पांच वर्ष उन्हें किस तरह से काम करना है। समय से कार्यालय पहुंचने की हिदायत देते हुए स्पष्ट कहा है कि कोई भी पत्रवली लंबित नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप ‘नए भारत का नया उत्तर प्रदेश’ आकार ले रहा है। इसे और गति देने के लिए सभी विभाग पांच वर्ष के लिए सौ दिन, छह माह और प्रतिवर्ष का लक्ष्य तय कर लें।
योजना भवन में शनिवार को आयोजित बैठक में योगी ने कहा कि पहले कार्यकाल में चुनौती कुव्यवस्था से थी। प्रदेश में पिछले पांच वर्षाें में सुशासन की स्थापना हुई है। अगले पांच वर्षाें में हमारी प्रतिस्पर्धा अपने पहले कार्यकाल के कार्यों से होगी। अब सुशासन को और मजबूत करने के लिए स्वयं से हमारी प्रतिस्पर्धा शुरू होगी। इसे ध्यान में रखते हुए अधिकारी त्वरित निर्णय लें। पत्रवलियां लंबित नहीं रहनी चाहिए। पत्रवलियों का निस्तारण निर्धारित समय-सीमा में किया जाए। इसकी नियमित समीक्षा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाए।
उन्होंने कहा कि जिलों के नोडल अधिकारी अपने जिले के विकास कार्यों की स्थिति की नियमित समीक्षा करें। प्रभारी मंत्री के साथ प्रत्येक माह जिले का भ्रमण कर योजनाओं का क्रियान्वयन मौके पर परखें। जिले में प्रवास के दौरान जनता से फीडबैक लेकर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को दें। सीएम ने निर्देश दिया कि सभी अधिकारी व कर्मचारी समय से कार्यालय में पहुंचें। ‘ई-आफिस’ को पूरी तरह लागू करने की कार्ययोजना तैयार की जाए।
तैयार करें यूपी को नंबर एक बनाने का रोडमैप: प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश को देश का नंबर-1 राज्य और अर्थव्यवस्था को नंबर-1 अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। टीम वर्क और अंतरर्विभागीय समन्वय से भविष्य का रोडमैप तैयार किया जाए। इस काम के लिए टीम यूपी को पूरी प्रतिबद्धता के साथ लगना होगा।
संकल्प पत्र के अनुसार बनाएं बजट : योगी ने विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र की घोषणाओं को समयबद्धता से पूरा करने की बात भी कही। अधिकारियों को निर्देश दिया कि भारत सरकार के वर्ष 2022-23 के आम बजट और लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार का वर्ष 2022-23 का बजट तैयार किया जाए।