आकलन वर्ष में एक बार ही अपडेट कर सकेंगे ITR
सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा... उन्हीं करदाताओं को मौका, जो किसी उचित वजह से नहीं भर सके रिटर्न
नई दिल्ली। आयकरदाता एक आकलन वर्ष में सिर्फ एक बार ही आयकर रिटर्न (आईटीआर) अपडेट कर सकेंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन जेबी महापात्रा ने बुधवार को कहा कि इस प्रावधान का उद्देश्य उन लोगों को रिटर्न भरने का मौका देना है, जो किसी उचित वजह से ऐसा नहीं कर पाए हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ के कार्यक्रम में महापात्रा ने कहा कि बजट में ऐसे करदाताओं को आईटीआर दाखिल करने के दो साल के भीतर उसे अपडेट करने की अनुमति दी गई है।
जिनसे रिटर्न भरने में कुछ गलती हो गई है या कोई ब्योरा छूट गया है। करदाता टैक्स का भुगतान कर आईटीआर अपडेट कर सकेंगे। मौजूदा समय में नियम है कि अगर कोई करदाता आईटीआर भरने से चूक जाता है तो वह मर्जी से रिटर्न नहीं भर सकता। नोटिस आने पर या आयकर विभाग से इजाजत मिलने पर विभाग के सवालों के जवाब देने के बाद रिटर्न भर सकता है। रिटर्न भरने का पेचीदा नियम है नया नियम करदाता में भरोसा पैदा करता है।
देना होगा अतिरिक्त टैक्स
अपडेट आईटीआर 12 महीने के भीतर भरा जाता है तो बकाया टैक्स और ब्याज पर 25% अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। अगर करदाता अपडेट रिटर्न 12 महीने बाद दाखिल करता है तो भुगतान राशि बढ़कर 50% हो जाएगी। लेकिन, इसे संबंधित आकलन वर्ष के 24 महीने के भीतर ही दाखिल करना होगा।
इन्हें नहीं मिलेगा सुविधा का लाभ
यह सुविधा सभी करदाताओं को नहीं मिलेगी। अगर किसी आकलन वर्ष के लिए करदाता की नोटिस जारी कर अभियोजन की कार्रवाई शुरू की गई है तो उसे इसका लाभ नहीं मिलेगा।