BUDGET 2022 : टैक्सपेयर्स को नहीं मिली कोई राहत, देना पड़ेगा पुराने स्लैब के हिसाब से ही Income Tax
⚫ निर्मला सीतारमण ने किया चौथी बार बजट पेश
⚫ सैलरीड क्लास को आयकर में छूट की थी उम्मीद
Budget 2022 : 6 करोड़ टैक्सपेयर्स की उम्मीदों पर फिरा पानी, Tax Slab में नहीं हुआ कोई बदलाव
नौकरीपेशा और करदाताओं को बजट से निराशा ही हाथ लगी, मध्य वर्ग को भी कुछ नहीं मिला.
करदाताओं को दो साल पहले लागू नए टैक्स स्लैब में होम लोन से मिलने वाली टैक्स छूट शामिल किए जाने की उम्मीद थी. इसके अलावा लोग वर्क फ्रॉम होम से बढ़े खर्च पर भी टैक्स छूट मिलने की आस लगाए हुए थे. फिलहाल ऐसी कोई राहत नहीं दी गई है.
नई दिल्ली. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को पेश Aam Budget 2022 में टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को सबसे ज्यादा निराश किया. प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) का भुगतान करने वाले देश के करीब 6 करोड़ करदाताओं को उम्मीद थी कि महामारी से लगे झटके से उबारने के लिए बजट में कुछ राहत जरूर मिलेगी.
करदाताओें को सबसे ज्यादा उम्मीद नए टैक्स स्लैब में कुछ राहत दिए जाने को लेकर थी. दरअसल, बजट 2020 में आए नए टैक्स स्लैब (Tax Slab) में सरकार ने 70 तरह की कर छूट को खत्म करते हुए इसकी दरें घटा दी थीं. हालांकि, इसका लाभ 20 लाख से ज्यादा की सालाना आय वालों को ही ज्यादा मिलता है. यही कारण रहा कि 2021-22 में आयकर रिटर्न भरने वाले महज 5 फीसदी करदाताओं ने नए स्लैब का चुनाव किया. फिलहाल सरकार ने नए और पुराने टैक्स स्लैब को पहले की तरह ही बनाए रखा है.
वित्तमंत्री ने करदाताओं को दीं ये राहतें-कॉरपोरेट सरचार्ज को 12 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है.-बिजनेस पर होने वाले खर्च पर हेल्थ और एजुकेशन सरचार्ज से छूट मिल गई है.-लांग टर्म कैपिटल गेन LTCG के रूप में हुई कमाई पर सरचार्ज 15 फीसदी से अधिक नहीं लगेगा.-आयकर रिटर्न में दो साल तक संशोधन की छूट रहेगी और बकाया टैक्स भरा जा सकेगा.-1 से 10 करोड़ वाली सहकारी समितियों पर सरचार्ज 12 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया गया है.-न्यू पेंशन स्कीम NPS में नियोक्ता के अंशदान पर मिलने वाली टैक्स छूट को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी अंशदान तक कर दिया गया है.
नौकरी-पेशा लोगों को बजट (Budget) में सबसे ज्यादा आयकर छूट (Income Tax) को लेकर उम्मीदें रहती हैं. इस बार भी थीं. लेकिन उम्मीद पूरी नहीं हुईं. लोग पिछले आठ साल से आयकर में छूट की मांग कर रहे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट भाषण में आयकर छूट को लेकर कोई ऐलान नहीं किया. सैलरीड क्लास के लिए ये सबसे बड़ा झटका है.
दरअसल, टैक्सपेयर्स (Taxpayers) लगातार 8 साल से इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद कर रहे थे. इससे पहले साल 2014 में टैक्स के मोर्चे पर आयकरदाताओं को राहत मिली थी. टैक्सपेयर्स की मांग है कि पिछले आठ साल में बहुत बदलाव हुए हैं. महंगाई (Inflation) बढ़ी है, खर्चे बढ़े हैं. लेकिन टैक्स के मोर्चे पर राहत नहीं मिली. अब फिर एक साल तक इंतजार करना होगा. पुराने स्लैब के हिसाब से ही टैक्सपेयर्स को आयकर देना होगा.
अब एक साल का और इंतजार
बता दें, सत्ता संभालते ही मोदी सरकार (Modi Government) ने साल-2014 में पहली बार टैक्सपेयर्स को राहत दी थी. साल 2014 में आयकर छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी थी. तब वित्त मंत्री अरुण जेटली थे. जबकि 60 वर्ष से ज्यादा और 80 वर्ष से कम उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख से रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई थी.