यूपी : सभी तरह की बजट स्वीकृतियां ऑनलाइन जारी करने की तैयारी
वित्त विभाग की सहमति से जारी होने वाली स्वीकृतियां भी एक अप्रैल से नए सिस्टम में
एक मद से दूसरे मद में बज हस्तांतरण की कार्यवाही भी नए वित्त वर्ष से ऑनलाइन
लखनऊ। प्रदेश सरकार सभी तरह की वित्तीय स्वीकृतियां ऑनलाइन जारी करने की व्यवस्था लागू करने जा रही है। नई व्यवस्था एक अप्रैल से लागू करने की तैयारी है। इस संबंध में प्रक्रिया का निर्धारण कर शासन के सभी अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है।
शासन में प्रशासकीय विभागों के स्तर से जारी होने वाली वित्तीय स्वीकृतियां ऑनलाइन जारी की जा रही हैं। इससे प्रशासकीय विभाग के पास स्वीकृतियों की स्थिति रियल टाइम पर उपलब्ध हो रही है वर्तमान में वित्त विभाग की सहमति से जारी होने वाली स्वीकृतियों के प्रस्ताव वित्त विभाग को ई-ऑफिस से ऑनलाइन तो भेजे जा रहे हैं, लेकिन वित्तीय स्वीकृति के लिए आलेख या तो प्रस्ताव के साथ भेजे नहीं जा रहे हैं अथवा पीडीएफ के रूप में भेजे जा रहे हैं। यदि आलेख के लिए पत्रावली फिर से वित्त विभाग को भेजी जाती है तो वित्तीय स्वीकृति में अनावश्यक विलंब होता है। दूसरा विभिन्न विभागों से जारी होने वाली वित्तीय स्वीकृतियों में एकरूपता के अभाव से वित्तीय प्रबंधन ठीक से नहीं हो पा रहा है।
अपर मुख्य सचिव वित्त एस. राधा चौहान ने बताया है कि इन समस्याओं के निराकरण के लिए शुरू से अंत तक ऑनलाइन बजट प्रबंधन प्रणाली जरूरी है। इससे डिजिटल मोड में तेजी व प्रभावी तरीके से बजट प्रबंधन हो सकेगा। यह व्यवस्था एक अप्रैल से लागू की जा रही है। जिन वित्तीय स्वीकृतियों के लिए वित्त विभाग की सहमति की जरूरत नहीं है, उन्हें भी इसी प्रणाली से प्रशासकीय विभाग जारी करेंगे वित्तीय वर्ष 2022 23 से बजट पुनर्विनियोग (विभाग के अंदर एक मद का बजट दूसरे मद में हस्तांतरण) के प्रस्ताव भी ऑनलाइन बजट एलॉटमेंट सिस्टम के जरिए वित्त विभाग को भेजे जाएंगे।
बजट प्रबंधन प्रणाली का शिक्षण 21 से
अपर मुख्य सचिव वित्त ने बताया कि सभी प्रशासकीय विभागों के नोडल अधिकारियों तथा आलेख तैयार करने से संबांति कार्मिकों को बजट प्रबंधन प्रणाली का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण 21 फरवरी से शुरू होगा। नोडल अधिकारियों व संबंधित कर्मियों की सूची प्रशासकीय विभागों से 17 फरवरी तक उपलब्ध कराने को कहा गया है।
सिस्टम के फायदे
■ शुरू से अंत तक ऑनलाइन सिस्टम होने से बजट स्वीकृतियां तय समय में जारी होंगी और पारदर्शिता आएगी।
■ यदि किसी स्तर पर स्वीकृति में अनावश्यक देरी की जाती है तो उच्च स्तर पर उसका संज्ञान लेकर आवश्यक कार्यवाही की जा सकेगी।
■ प्रशासकीय विभागों व वित्त विभाग के बीच स्वीकृतियों पर सहमति को लेकर लगने वाले आरोप-प्रत्यारोप में कमी आएगी।
■ समय से स्वीकृतियां जारी होने से योजनाओं व परियोजनाओं के काम समय से बढ़ेंगे।