UP विधानसभा चुनाव - 2022 में शिक्षामित्रों/महिला शिक्षामित्रों, रोजगार सहायकों, अनुदेशकों, आंगनबाड़ी कार्मिकों व अन्य समकक्ष को मतदान कार्मिक के रूप में तैनात किये जाने के सम्बन्ध में चुनाव आयोग द्वारा नई गाइडलाइंस के पालन के निर्देश
शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व अन्य संविदाकर्मियों की ड्यूटी नियमित कार्मिकों के बाद ही लगाएं : चुनाव आयोग
शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी में न लगाएं, आरक्षित पूल में ही रखें, चुनाव आयोग का निर्देश
निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव में शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सहायकों, अनुदेशकों, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी पर लगाने से रोक लगाई है। आयोग के इस आदेश के बाद मतदान दल गठन की लगभग पूरी तैयारी कर चुके जिला निर्वाचन अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई है।
आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला को निर्देश दिए हैं कि मंडलीय पूल से प्राप्त कर्मियों का पूरा उपयोग होने के बाद ही शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सहायकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी पर लगाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जहां तक संभव हो इन्हें आरक्षित पूल में रखा जाए। खासतौर पर शिक्षा मित्रों को मतदान अधिकारी द्वितीय और अन्य कर्मियों को मतदान अधिकारी तृतीय के रूप में ही नियुक्त करने के निर्देश दिए है।
उधर, प्रदेश में कोविड गाइडलाइन के अनुसार मतदान केंद्रों का गठन होने से मतदान केंद्रों की संख्या करीब 11 हजार बढ़ गई है। 1.74 लाख मतदान केंद्रों पर चुनाव ड्यूटी लगाने के लिए पहले ही कर्मचारियों की कमी थी। ऐसे में 1.37 लाख शिक्षा मित्रों, 27 हजार से अधिक अनुदेशकों, 1.90 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 35,248 रोजगार सहायकों को चुनाव ड्यूटी से बाहर रखने के निर्देश से मतदान दल गठन में परेशानी होगी। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग शिक्षा मित्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है।
लखनऊ : विधानसभा चुनाव में प्रदेश के शिक्षामित्रों व अनुदेशकों आदि की ड्यूटी तभी लगाई जाएगी, जब सभी नियमित सरकारी कार्मिकों को निर्वाचन कार्य में लगा देने के बाद भी कार्मिकों की जरूरत होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के विशेष कार्याधिकारी ने इस संबंध में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। उधर, शिक्षामित्र संघ ने इसका विरोध किया है।
विशेष कार्याधिकारी रमेश चंद्र राय ने जिलों को भेजे आदेश में लिखा है कि विधानसभा चुनाव में शिक्षामित्र, रोजगार सहायक, अनुदेशक, आंगनबाड़ी कार्मिक व अन्य समकक्ष को मतदान कार्मिक के रूप में तैनात करने के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी किए हैं। उसमें कहा गया है कि ऐसे कार्मिकों की ड्यूटी संबंधित जिलों में केवल उसी स्थिति में लगाई जाएगी, जब जिले की ओर से यह प्रमाणित किया जाए कि मंडलीय पूल से मिले नियमित सरकारी कार्मिकों को पूरी तरह से लगा दिया गया है। यह भी निर्देश है कि जहां तक संभव हो, उक्त कार्मिकों को आरक्षित पूल में रखा जाए। जरूरत पड़ने पर शिक्षामित्रों को मतदान अधिकारी द्वितीय और अन्य कर्मियों को मतदान अधिकारी तृतीय के रूप में लगाया जाएगा।
चुनाव आयोग के निर्देश का शिक्षामित्र संघ ने विरोध किया है। दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि केंद्र व राज्य चुनाव आयोग की ओर से शिक्षामित्रों व अन्य संविदा कर्मियों को चुनाव ड्यूटी में रिजर्व रखना उनके साथ उपेक्षापूर्ण रवैये को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अपने आदेश पर फिर से विचार करें और पूर्व के चुनावों की तरह विधानसभा चुनाव में भी चुनाव अधिकारी प्रथम के पद पर शिक्षामित्रों की ड्यूटी लगाई जाए।