बजट 2022 में आयकर क्षेत्र की सबसे बड़ी उम्मीद : क्या महंगाई को देखते हुए 8 साल बाद बढ़ सकती है 80C की सीमा?
लगातार बढ़ रही महंगाई को देखते हुए सरकार एक फरवरी, 2022 को पेश होने वाले बजट 2022 में आयकरदाताओं के लिए कई राहतों की घोषणा कर सकती है। इसमें सबसे ज्यादा जोर आयकर कानून की धारा 80सी के तहत छूट की लिमिट बढ़ाने पर रह सकता है।
सरकार अगर करदाताओं की मांगें पूरी कर देती है तो 8 साल बाद ऐसा होगा, जब 80सी की लिमिट बढ़ाई जाएगी। इससे पहले 2014 में आखिरी बार 80सी की लिमिट एक लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख की गई थी। बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि वित्तमंत्री को 80सी की लिमिट बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने पर विचार करना चाहिए। इससे न सिर्फ बढ़ती महंगाई के दौर में करदाताओं को कुछ बचत करने का मौका मिलेगा बल्कि निवेश के ज्यादा अवसर भी मिलेंगे।
सरकार को भी मिलेगा फायदा
कर विशेषज्ञों का कहना है कि 2014 के बाद से लोगों के खर्च और महंगाई में काफी वृद्धि हुई है। ऐसे में 80सी की मौजूदा 1.50 लाख की लिमिट पर्याप्त नहीं है। इस बजट में अगर 80सी का दायरा बढ़ता है तो इससे करदाताओं को साथ सरकार को भी फायदा होगा। इससे बचत को बढ़ावा मिलेगा और महंगाई का दबाव भी कम होगा।
होम लोन पर भी कटौतियों पर विचार
आदिल शेट्टी ने कहा,सरकार को मकान खरीदने वालों को अधिक कर छूट देने पर विचार करना चाहिए। इसके जरिये खर्च को बढ़ावा देना चाहिए। कहा, मौजूदा टैक्स छूट के अंतर्गत होम लोन लेने वाले करदाताओं को 80सी के तहत 1.50 लाख और 24बी के तहत दो लाखकी छूट मिलती है। सरकार को मूल रकम और ब्याज के लिहाज से बिना सब-लिमिट के 5 लाख तक की होम लोन कटौतियों के लिए नई धारा जोड़ने पर विचार करना चाहिए।
टर्म इंश्योरेंस के लिए अलग से छूट
80सी के तहत टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम, पीपीएफ, एनएससी, म्यूचुअल फंड की टैक्स योजनाएंसहित कई चीजें आती हैं। करदाताओं का कहना है कि सरकार टर्म इंश्योरेंस सहित को 80सी से अलग छूट का प्रावधान करे। सरकार को 50,000 रुपये के टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए अलग से कटौतियों की अनुमति देनी चाहिए।