सचिवालय तथा सचिवालय की समकक्षता प्राप्त विभागों व कार्यालयों के कर्मचारियों को सचिवालय भत्ता दिए जाने का आदेश जारी
यूपी के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी आई है। मंत्रिपरिषद के फैसले के बाद अपर मुख्य सचिव वित्त एस. राधा चौहान ने सचिवालय तथा सचिवालय की समकक्षता प्राप्त विभागों व कार्यालयों के कर्मचारियों को सचिवालय भत्ता दिए जाने का आदेश जारी कर दिया है।
एक जनवरी 2022 से ही सचिवालय भत्ता का लाभ दिए जाने का आदेश है। एक अप्रैल 2020 से 31 दिसंबर 2021 की अवधि के लिए भत्ते का कोई अवशेष नहीं दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सचिवालय से समकक्षता प्राप्त विभागों एवं कार्यालयों में जहां पूर्व में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सचिवालय भत्ता अनुमन्य हो रहा था, उनको इस भत्ते का लाभ मिलेगा।
गौरतलब है कि 2022 के पहले ही दिन एक जनवरी को मंत्रिपरिषद ने सचिवालय भत्ता फिर से बहाल किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी। इस भत्ते को बहाल कराने के लिए सचिवालय के सेवा संगठन के नेता लगातार शासन में उच्चाधिकारियों से संपर्क करने के साथ ही मांगपत्र दे रहे थे।
10 हजार कार्मिकों मिलेगा भत्ते के रूप में 650 से 2000 रुपये तक हर माह
सरकार के इस फैसले से करीब 10 हजार कार्मिकों को 650 से 2000 रुपये तक प्रतिमाह सचिवालय भत्ता के रूप में मिलेगा। सचिवालय भत्ता बहाली का लाभ उत्तर प्रदेश सचिवालय, विधानसभा सचिवालय, विधान परिषद सचिवालय, राज्यपाल सचिवालय, उच्च न्यायालय, महाधिवक्ता कार्यालय, राजस्व परिषद, लोक सेवा आयोग, लोकायुक्त कार्यालय के कार्मिकों को मिलेगा। विशेष सचिव स्तर तक के अधिकारियों को इस भत्ते का लाभ मिलेगा।
खुशखबरी ! नए साल के पहले ही दिन योगी सरकार ने दिया सचिवालय भत्ता बहाली का तोहफा
सचिवालय भत्ता बहाली के लिए आंदोलित सचिवालय कार्मिकों को प्रदेश सरकार ने 2022 के पहले ही दिन खुश कर दिया। कैबिनेट ने सचिवालय भत्ता बहाली पर मुहर लगा दी। सरकार के इस फैसले से करीब 10 हजार कार्मिकों को 650 से 2000 रुपये तक प्रतिमाह सचिवालय भत्ता के रूप में मिलेगा। बताया जाता है कि कैबिनेट के फैसले के बाद पिंक नोट वित्त विभाग को भेजी गई है।
सचिवालय भत्ता बहाली का लाभ उत्तर प्रदेश सचिवालय, विधानसभा सचिवालय, विधान परिषद सचिवालय, राज्यपाल सचिवालय, उच्च न्यायालय, महाधिवक्ता कार्यालय, राजस्व परिषद, लोक सेवा आयोग, लोकायुक्त कार्यालय के कार्मिकों को मिलेगा। विशेष सचिव स्तर तक के अधिकारियों को इस भत्ते का लाभ मिलेगा।
कोरोना के कारण अप्रैल 2020 में समाप्त किया गया था सचिवालय भत्ता
गौरतलब है कि कोरोना के कारण अप्रैल 2020 में प्रदेश सरकार ने पहले इस भत्ते को बंद किया फिर बाद में इसे समाप्त कर दिया था। सचिवालय भत्ता को समाप्त करने का आधार उस समय उत्तराखंड सचिवालय में सचिवालय भत्ता नहीं दिए जाने का आधार बनाया गया था। बाद में जब सचिवालय कार्मिकों ने उत्तराखंड पता किया तो वहां पर सचिवालय भत्ता अनवरत दिए जाने की जानकारी हुई। जिसके बाद सचिवालय के कर्मचारी संगठनों ने समन्वय समिति बनाकर समाप्त किए गए सचिवालय भत्ता को बहाल करने के लिए आंदोलन शुरू किया।
बीते 29 दिसंबर को अपर मुख्य सचिव गृह और अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन ने समन्वय समिति से बातचीत के बाद भत्ता बहाली पर जल्द निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया था। सचिवालय भत्ता की बहाली पर सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र तथा समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने इस निर्णय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त किया है।