यूपी : तीन करोड़ श्रमिकों को मिलेगा 500₹ प्रतिमाह भरण पोषण भत्ता, किसान सम्मान निधि पाने वालों को नहीं मिलेगा, शासनादेश जारी
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राज्य मुख्यालय : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डेढ़ करोड़ कामगारों के खाते में भरण पोषण भत्ता भेजेंगे। इस योजना के दायरे में रेहड़ी,खोमचा लगाने वाले,रिक्शा और ठेला चालक, नाई, धोबी, दर्जी, मोची, फल और सब्जी विक्रेता आदि शामिल हैं। इन श्रमिकों व कामगारों को एक माह के लिए 1,000 रुपये का भरण-पोषण भत्ता प्रदान किया जाएगा।
योगी सरकार ने विगत वर्ष कोविड काल में सरकार ने रिक्शा चालकों, पटरी व्यवसायियों, निर्माण श्रमिकों, अंत्योदय श्रेणी के लोगों व अन्य गरीब परिवारों को भरण-पोषण भत्ता व परिवार के प्रत्येक सदस्य को राशन प्रदान किया था। वहीं, उत्तर प्रदेश पहला राज्य था, जिसने श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण-पोषण भत्ता ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया था। बाद में कई राज्य सरकारों ने इसे अपने राज्यों में भी लागू किया।
संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दो बार तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक बार भरण-पोषण भत्ता दिया गया। इसके साथ ही, राशन कार्ड बाध्यता समाप्त कर माह में दो बार, एक बार पीएम गरीब कल्याण योजना तथा दूसरी बार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया गया।
सरकार ने दिसंबर से मार्च यानी कुल चार महीने तक श्रमिकों को पांच सौ रुपये प्रतिमाह भरण पोषण भत्ता देने का निर्णय लिया है। एक-एक हजार रुपये की दो किस्तों के जरिए यह राशि श्रमिकों को दी जाएगी।
कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्दनेजर यूपी में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पांच सौ रुपये भरण पोषण भत्ता दिया जाएगा। इस बाबत शासनादेश जारी कर दिया गया है। प्रदेश में अभी तक तीन करोड़ कामगार पंजीकृत हैं जिन्हें इस भत्ते का लाभ दिया जाएगा।
श्रमिकों को भरण पोषण देने संबंधी शासनादेश अपर मुख्य सचिव श्रम विभाग सुरेश चंद्रा द्वारा जारी कर दिया गया है। इसके मुताबिक कोरोना महामारी के चलते पिछले दो सालों से श्रमिकों के सामने आजीविका का संकट बना हुआ है। इधर, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका भी खड़ी हो गई है। ऐसे में सरकार ने दिसंबर से मार्च यानी कुल चार महीने तक श्रमिकों को पांच सौ रुपये प्रतिमाह भरण पोषण भत्ता देने का निर्णय लिया है। एक-एक हजार रुपये की दो किस्तों के जरिए यह राशि श्रमिकों को दी जाएगी। शर्त यह भी लगाई गई कि जिन श्रमिकों को किसान सम्मान निधि या अन्य इस तरह की किसी भी अन्य योजना का लाभ मिल रहा है, उन्हें यह भत्ता नहीं दिया जाएगा।
विदित हो कि असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों को यह भत्ते देने का सरकार ने फैसला लिया है। पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के जहां लगभग ढाई करोड़ श्रमिक पंजीकृत हैं तो लगभग साठ लाख श्रमिक ऐसे हैं जिनका पंजीकरण, उप्र सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड आदि में पंजीकरण है। ऐसे में फिलहाल तीन करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को इसका लाभ मिलेगा। हालांकि सरकार ने कहा है कि 31 दिसंबर तक पंजीकरण कराने वाले श्रमिकों को इसका लाभ दिया जाएगा। शासनादेश में कहा गया है कि इस भुगतान को लेकर सभी प्रक्रियाएं संबंधित अधिकारी पूरी कर लें। यह भुगतान डीबीटी के माध्यम से ही किया जाएगा।