एक ही चेहरे के कई वोटर बने सिरदर्द, सत्यापन में पसीना बहा रहे BLO, शिक्षण संस्थानों को भी वोटर जागरूकता अभियान से जोड़ा जाएगा
एक ही चेहरे के दो या अधिक वोटर, निर्वाचन आयोग के साथ ही प्रशासन और बीएलओ के लिए भी सिरदर्द बने हुए हैं। प्रदेश में ऐसे वोटरों की संख्या 22 लाख चिह्नित की गई है।
पखवारे भर से चल रहे सत्यापन में अब तक कई हजार लोगों की जांच हो चुकी है। अब भी अधिकांश नाम-फोटो जांचे जाने बाकी है। बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग की तरफ से हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने जल्द सत्यापन कर इसे दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
प्रदेश के भीतर वोटर लिस्ट में दर्ज कई फोटो दो या दो से अधिक वोटरों की फोटो से मिलान खा रहे हैं। आयोग ने इसे पीएसई (फोटो सिमिलर एंटी) नाम दिया है। आयोग की तरफ से तैयार विशेष साफ्टवेयर ने ऐसे वोटरों को चिह्नित किया है। इसके बाद सभी जिलों को इनका डाटा भेजा गया है और बीएलओ से सत्यापन कराकर कोई खामी पाए जाने पर उसे दुरुस्त करने को कहा गया है। बीएलओ मौके पर जाकर तीन स्तर से इसकी जांच कर रहे हैं।
जेंडर रेशियो सुधारने की चल रही कवायद
वोटर अभियान के दौरान यूथ के साथ-साथ महिलाओं को वोटर बनाने पर ज्यादा जोर है। वर्तमान आबादी के मुताबिक वोटरों की संख्या में महिलाओं की भागीदारी कम है।
शिक्षण संस्थानों को भी अभियान से जोड़ा जाएगा
यूथ को वोटर बनाने के लिए शिक्षण संस्थानों में भी मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। विश्वविद्यालय, डिग्री कालेज एवं इंटर कालेज में इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब (ईएलसी) बनाए जाएंगे।
सभी ग्राम पंचायतों, नगर निगम व नगर पंचायतों के वार्डों में इसका गठन होगा। कोविड काल में गठित निगरानी समितियों को ही इसमें परिवर्तित किया जाएगा और अधिक लोगों को जोड़ा जाएगा।