नियमित किए जाने की मांग का अधिकार नहीं, अंशकालिक कर्मचारियों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अंशकालिक (पार्ट-टाइम) कर्मचारी नियमित किए जाने की मांग करने के हकदार नहीं हैं क्योंकि वे किसी मंजूर पद पर काम नहीं कर रहे हैं।
कोर्ट ने यह भी कहा कि नियमित करना सिर्फ नियमितीकरण नीति के मुताबिक हो सकता है, जैसा कि राज्य/सरकार द्वारा घोषित हो तथा कोई व्यक्ति नियमितीकरण को अधिकार के विषय के तौर पर दावा नहीं कर सकता। न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि किसी सरकारी संस्थान में पार्ट-टाइम अस्थायी कर्मचारी समान काम समान वेतन के सिद्धांत पर सरकार के नियमित कर्मचारियों के समान वेतन में समानता की मांग नहीं कर सकते।
न्यायालय ने केंद्र की एक अपील पर सुनवाई करते हुए यह कहा कि जिसके जरिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी गई थी।