सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को दहेज न लेने का देना होगा प्रमाण पत्र
कर्मचारियों को परेशानी में डाल सकती है यह खबर, दहेज न लेने का देना होगा घोषणापत्र
17 साल पहले हुई थी शादी, दहेज में क्या-क्या मिला? सरकार को बताएंगे सरकारी कर्मचारी
वर्ष 2004 के बाद जिन भी अफसरों व कर्मचारियों की शादी हुई है, अब उन्हें अपनी शादी में मिले दहेज का ब्योरा शासन को देना होगा। शासन की ओर से आए दिशा निर्देश के बाद अब महिला एवं बाल कल्याण विभाग की ओर से सूची तैयार कर सभी विभागों को नोटिस भेजा रहा है। इस क्रम में प्रयागराज के लगभग 10 हजार अफसर व कर्मचारी शामिल होंगे। पिछले दिनों महिला एवं बाल कल्याण विभाग के निदेशक की ओर से सभी जिलों में पत्र आया है। इसमें उन कर्मचारियों व अफसरों से दहेज का ब्योरा मांगा गया है, जिनका विवाह 2004 के बाद हुआ है। अलग-अलग विभागों में लगभग 10 हजार के आसपास ऐसे कर्मचारी और अधिकारी बताए जा रहे हैं। इन सभी को विभागाध्यक्षों के माध्यम से नोटिस देकर जवाब मांगा जा रहा है। इसका पूरा प्रपत्र शासन की ओर से आया है। जिसमें लोगों को शादी का वर्ष, उस वक्त की स्थिति और क्या-क्या दहेज लिया है, उसका ब्योरा देना होगा।
नोटिस मिलते ही मचा हड़कंप
नोटिस मिलते ही विभागों में हड़कंप मच गया है। तमाम कर्मचारियों में इस नियम से आक्रोश है। कर्मचारियों का कहना है कि जब प्रदेश में योगी सरकार आई थी तो सभी से संपत्ति का ब्योरा मांगा गया था। कर्मचारियों को अपने और अपने आश्रितों के नाम पर जितनी भी संपत्ति है उसे देना था। सभी ने इसे दिया है। अब इसके बाद यह नियम आने से लोग परेशान हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दिया नोटिस
अफसरों का कहना है कि यह शासन का आदेश नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के दहेज विरोधी आदेश दृष्टिगत यह आदेश जारी हुआ है। जिससे इस व्यवस्था में पारदर्शिता लाकर और सुधार किया जा सके।
यूपी के सरकारी कर्मचारियों के लिए मुसीबत बढ़ सकती है। यूपी सरकार ने एक नियम लागू किया है जिसमें तहत उस कर्मचारी को अपनी कुछ पर्सनल जानकारियां देनी होंगी। यूपी सरकार यह सब जानकारियां घोषणा पत्र में भरवाएगी। दरअसल सरकारी कर्मचारियों को अब यह घोषणा करनी होगी कि अपनी शादी में दहेज लिया या नहीं। खासकर 31 अप्रैल 2004 के बाद विवाहित सभी सरकारी सेवकों को यह घोषणा पत्र देना है। घोषणा पत्र नहीं देने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी। 18 अक्टूबर तक सभी विभागों को घोषणा पत्र संकलित कर अपलोड करना है। शासन की ओर से जारी आदेश के बाद विभागों में खलबली मच गई है। अधिकतर के घोषणा पत्र में दहेज को ना ही है।
महिला कल्याण उत्तर प्रदेश लखनऊ के निदेशक ने सभी विभागाध्यक्षों को जारी पत्र में कहा है कि प्रदेश सरकार की ओर से दहेज प्रथा, जो कि एक सामाजिक बुराई है, को रोकने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली, 1999 को प्रख्यापित की गई है। इसके बाद 31 मार्च 2004 को उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली, 2004 प्रथम संशोधन जारी करते हुए नियमावली के नियम 5 में यह व्यवस्था की गई कि प्रत्येक सरकारी सेवक अपने विवाह के समय यह उल्लेख करते हुए अपने नियुक्त अधिकारी को स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र प्रदान करेगा कि उसने अपने विवाह में कोई दहेज नहीं लिया है। इसी संबंध में संकलित सूचना/प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने को कहा गया है।
18 अक्टूबर तक अपलोड करना होगा घोषणा पत्र
इस पत्र में सभी विभागों से कहा गया है कि 31 अप्रैल 2004 के बाद विवाहित सभी सरकारी सेवकों से घोषणा पत्र प्राप्त कर लिया जाए कि उन्होंने अपने विवाह के समय कोई दहेज नहीं लिया है। इस संबंध में संकलित सूचना डौरीप्रोहीबिशनयूपीएटजीमेल.कॉम पर 18 अक्टूबर 2021 तक अनिवार्य रूप से अपलोड करना है।
घोषणा पत्र नहीं देने पर होगी कार्रवाई
इसमें यह साफ किया गया है कि यदि कोई कर्मचारी दहेज लिया या नहीं के संबंध में घोषणा पत्र नहीं देता है तो उसके विरुद्ध संबंधित विभागाध्यक्ष कार्रवाई करेंगे।
लखनऊ : राज्य सरकार के सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को विवाह में दहेज न लेने का प्रमाण पत्र देना होगा। 31 अप्रैल 2004 के बाद जिनका विवाह हुआ है उन्हें अपने नियुक्ति अधिकारी को यह प्रमाण पत्र देना होगा। महिला कल्याण विभाग ने सभी सरकारी सेवकों को प्रमाण पत्र देने के लिए 18 अक्टूबर तक का समय दिया है।
प्रदेश में दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 1999 लागू है। इसमें वर्ष 2004 में संशोधन करते हुए नियम पांच में यह व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक सरकारी सेवक अपने विवाह के समय यह उल्लेख करते हुए अपने नियुक्ति अधिकारी को स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र प्रदान करेगा कि उसने अपने विवाह में कोई दहेज नहीं लिया है। इसी नियम का पालन कराने के लिए एक बार फिर महिला कल्याण विभाग ने सभी विभागों को पत्र भेज दिया है। निदेशक, महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने बताया कि 31 अप्रैल 2004 के बाद विवाहित सरकारी सेवकों को दहेज न लेने का घोषणा पत्र देना होगा।