यूपी में 30 दिन का बोनस देने का आदेश जारी, अधिकतम सात हजार रुपये का होगा लाभ
शिक्षकों समेत 14.82 लाख कर्मियों को बोनस का तोहफा, 75 प्रतिशत राशि जीपीएफ खाते में जमा होगी, शेष रूपये नकद मिलेंगे
लखनऊ : राज्य सरकार ने दीपावली के मौके पर सूबे के 14.82 लाख अराजपत्रित राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को बोनस देने का फैसला किया है। कर्मचारियों को वर्ष 2020-21 के लिए 30 दिनों के वेतन के बराबर बोनस मिलेगा। बोनस के लिए प्रति कर्मचारी 6,908 रुपये की रकम मंजूर की गई है।
इस रकम का 75 फीसद हिस्सा कर्मचारियों के भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते में जाएगा, जबकि 25 फीसद यानी 1,727 रुपये का नकद भुगतान किया जाएगा, जो कर्मचारी जीपीएफ का सदस्य नहीं है, उसे यह धनराशि राष्ट्रीय बचत पत्र के रूप में दी जाएगी। बोनस भुगतान पर 1022.75 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
बोनस के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी मिलने के बाद वित्त विभाग ने इस बारे में गुरुवार को शासनादेश जारी कर दिया है। बोनस 4,800 रुपये तक ग्रेड वेतन पाने वाले सभी पूर्णकालिक अराजपत्रित कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्य प्रभारित कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों और जिला पंचायतों के कर्मचारियों को मिलेगा। यह लाभ केवल उन कर्मचारियों को मिलेगा जिन्होंने 31 मार्च, 2021 तक एक वर्ष की लगातार सेवा पूरी की हो।
जिन कर्मचारियों पर अनुशासनिक कार्यवाही या आपराधिक मुकदमे में दंड दिया गया हो, उन्हें बोनस नहीं मिलेगा। अब राज्य कर्मियों को अब सरकार से तीन फीसद की बढ़ी दर से महंगाई भत्ता पाने की आस लगी है। केंद्र ने पिछले हफ्ते केंद्रीय कर्मियों को बीती पहली जुलाई से मूल वेतन के 31 फीसद की बढ़ी दर से डीए का भुगतान करने का फैसला किया है।
दीपावली से पहले राज्य के करीब 14.82 लाख अरापत्रित व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को राज्य सरकार ने बोनस का तोहफा दिया है। उन्हें वर्ष 2020-21 के लिए सरकार ने 30 दिन का तदर्थ बोनस देने का आदेश जारी किया है। बोनस की अधिकतम धनराशि 7000 रुपये निर्धारित की गई है। 25 फीसदी धनराशि का भुगतान राज्य सरकार नगद करेगी जबकि शेष 75 फीसदी धनराशि कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में जमा की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वीकृति मिलने के साथ ही वित्त विभाग ने बोनस दिए जाने का शासनादेश जारी कर दिया है।
1025 करोड़ रुपये का राजस्व बोझ
बोनस के भुगतान पर राज्य सरकार के खजाने पर 1025 करोड़ रुपये के करीब व्ययभार आएगा। अपर मुख्य सचिव वित्त एस. राधा चौहान ने गुरुवार को बोनस दिए जाने का शासनादेश जारी किया है। राज्य की आर्थिक गतिविधियों में सुधार के बाद से इस बार बोनस के प्रति कर्मचारी पूरी तरह आश्वस्त थे। समस्त अराजपत्रित राज्य कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्य प्रभारित कर्मचारियों, राज्य वित्त पोषित शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों के कर्मचारियों तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को बोनस का लाभ मिलेगा।
बोनस का यह लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा जिन्होंने 31 मार्च 2021 तक न्यूनतम एक साल की सेवा पूरी की हो। पुनरीक्षित वेतन संरचना के तहत वेतन मैट्रिक्स लेवल आठ (47600-151100 रुपये) तक के पद पर कार्यरत अराजपत्रित कर्मचारियों को बोनस दिया जाएगा। जिन कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही अथवा न्यायालयों में आपराधिक मुकदमें लंबित हैं उनका बोनस स्थगित रहेगा। मुकदमें का फैसला आने पर ही इन्हें बोनस दिए जाने का फैसला होगा।
दैनिक वेतनभोगी भी पाएंगे बोनस
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए तदर्थ बोनस की धनराशि अधिकतम 1200 रुपये निर्धारित की गई है। इनके बोनस की देय धनराशि 1184 रुपये होगी। ऐसे कर्मचारी जिनकी वास्तविक परिलब्धियां 1200 रुपये प्रतिमाह से कम है उनके तदर्थ बोनस की धनराशि उनकी वास्तविक मासिक परिलब्धियों के आधार पर तय की जाएगी।
25 फीसदी नगद और 75 फीसदी जीपीएफ खाते में जमा होगा
सभी श्रेणी के कर्मचारी जिन्हें बोनस दिया जाना है, उनके बोनस की 75 प्रतिशत धनराशि भविष्य निधि खाते में जमा की जाएगी, जबकि 25 प्रतिशत धनराशि का नगद भुगतान किया जाएगा। जो कर्मचारी भविष्य निधि खाते के सदस्य नहीं है, उन्हें धनराशि का आहरण कर उससे एनएससी प्रदान की जाएगी अथवा संबंधित धनराशि पीपीएफ खाते में जमा की जाएगी। जो कर्मचारी अधिवर्षता की आयु पर 31 मार्च 2021 के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं अथवा 30 अप्रैल 2022 तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनको बोनस की सम्पूर्ण धनराशि का नकद भुगतान किया जाएगा।