NPS से समयपूर्व निकासी के नियम बदले, राशि 2.5 लाख से कम है, तो पूरी राशि एकमुश्त दी जाएगी
सामान्य निकासी में अगर फंड 5 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है, तो पूरी राशि एकमुश्त के रूप में निकाली जा सकती है।
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से समयपूर्व निकासी के नियम में बदलाव कर दिए हैं। 21 सितंबर 2021 के सर्कुलर के अनुसार, अगर निवेशक का एनपीएस फंड में 2.5 लाख रुपये के बराबर या उससे कम है, तो पूरी राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा। वहीं, इससे अधिक राशि जमा होने पर केवल 20 राशि निकालने की अनुमति होगी, जबकि शेष राशि का उपयोग एन्युटी खरीदने के लिए किया जाएगा।
सर्कुलर के मुताबिक, समयपूर्व निकासी का यह 80:20 नियम 18-60 वर्ष के बीच एनपीएस में शामिल होने वाले सरकारी और गैर-सरकारी दोनों क्षेत्रों के निवेशकों पर लागू होगा। हालांकि, गैर-सरकारी क्षेत्र के मामले में, व्यक्ति को 10 साल के लिए निवेशक होना चाहिए।
गौरतलब है कि एनपीएस से सामान्य निकासी की अनुमति 60 वर्ष या उससे अधिक की आयु में दी जाती है। इसलिए, 60 वर्ष की आयु से पहले बाहर निकलने की योजना बनाने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए समयपूर्व निकासी के नए नियम लागू होंगे। सामान्य निकासी में अगर फंड 5 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है, तो पूरी राशि एकमुश्त के रूप में निकाली जा सकती है। अगर फंड 5 लाख रुपये से ज्यादा है तो निवेशक की संचित पेंशन राशि का कम से कम 40 एन्युटी की खरीद के लिए उपयोग किया जाना है।
मृत्यु के मामले में पूरी राशि कानूनी वारिस को
अंशधारक की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के मामले में जमा पेंशन राशि गैर-सरकारी अंशधारक के कानूनी वारिस को दी जाएगी। सरकारी अंशधारक के मामले में कानूनी उत्तराधिकारियों को एकमुश्त राशि दी जाती है है अगर फंड 5 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है। अगर फंड 5 लाख रुपये से अधिक है तो अंशधारक की जमा पेंशन संपत्ति का कम से कम 80 आश्रितों द्वारा डिफॉल्ट एन्युटी की खरीदने के लिए उपयोग किया जाएगा। बाकी शेष 20 का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा।
7०-75 आयु वालों की पेंशन बंद करने का कोई प्रस्ताव नही
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज स्पष्ट किया कि 70-75 वर्ष आयुवर्ग के केन्द्रीय पेंशनरों के पेंशन बंद करने का उसका कोई प्रस्ताव नहीं है और इस तरह का कोई प्रस्ताव उसके विचाराधीन भी नहीं है। वित्त मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल की एक पत्रिका और एक ऑनलाइन पोर्टल में इस संबंध में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए कहा कि यह खबर पूरी तरह से असत्य है क्योंकि इस तरह का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
उसने पत्र सूचना कायार्लय के फैक्ट चेक के माध्यम से यह जानकारी देते हुए कहा कि गत 13 सितंबर को इस तरह की खबर प्रकाशित की गइ थी जबकि केन्द्रीय पेंशनधारियों के लिए इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है।