यूपी में चल-अचल संपत्ति का ब्योरा ने देने वाले कर्मियों का रुकेगा वेतन, पावर कारपोरेशन ने 30 तक दी मोहलत
पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने बिजली कंपनियों के एमडी को पत्र लिख 30 तक की दी मोहलत।
बिजली अभियंताओं से लेकर बाबू तक पोर्टल पर नहीं अपलोड कर रहें संपत्ति का विवरण।
लखनऊ । ऊर्जा निगमों के इंजीनियरों से लेकर बाबू तक को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा न देना अब महंगा पड़ेगा। उनकी प्रोन्नति तो रुकेगी ही, मासिक वेतन भी लटकेगा। पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को पत्र लिखकर 30 सितंबर तक सभी कार्मिकों को संपत्ति का ब्योरा देने की मोहलत दी है। 30 सितंबर से पहले पोर्टल पर संपत्ति की जानकारी अपलोड न करने वाले कार्मिकों को अक्टूबर में वेतन नहीं मिल सकेगा।
दरअसल, तमाम तरह की अनियमितताओं को लेकर आए दिन चर्चा में रहने वाले ऊर्जा निगमों के ज्यादातर अभियंताओं से लेकर बाबू तक अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। वैसे तो नियमानुसार पिछले वर्ष 2020 का चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा सभी कार्मिकों को इस वर्ष 31 जनवरी तक दे देना चाहिए था लेकिन पिछले माह तक ज्यादातर ने ब्योरा नहीं दिया।
ऐसे में पावर कारपोरेशन के निदेशक (कार्मिक प्रबंधन) एके पुरवार ने सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों से 31 अगस्त तक 35 हजार से अधिक सभी बिजली कार्मिकों की संपत्ति का ब्योरा पावर कारपोरेशन के संबंधित पोर्टल (ईआरपी के ईएसएस पोर्टल) पर अपलोड कराने के लिए कहा है।