NPS में न्यूनतम तय लाभ योजना की तैयारी, कई तरह के मिलेंगे विकल्प
राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में निवेश अब और भी ज्यादा आकर्षक होने जा रहा है। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए एनपीएस के तहत न्यूनतम तय रिटर्न योजना (मार्स) पर विचार कर रहा है। इस योजना के निवेशकों को न्यूनतम तय रिटर्न दिया जाएगा। जबकि मौजूदा समय में बाजार से जुड़े होने की वजह से एनपीएस में तय रिटर्न नहीं मिलता है। पीएफआरडीए ने अपने मसौदा प्रस्ताव में कहा है कि योजना के लिए वह परामर्शक नियुक्त करेगा।
पीएफआरडीए के मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक नई योजना कई मायनो में अलग और खास होगी। इसमें बाजार में मौजूद तय रिटर्न वाले निवेश विकल्पों से अधिक देने की पेशकश की जा सकती है। वहीं, निवेशकों की सुविधा के लिए कुछ शर्तों के साथ कभी भी बेचने की सुविधा भी मिल सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि तय ब्याज देने पर निवेशक उसकी तुलना सावधि जमा यानी एफडी से करेंगे। ऐसे में उससे ऊंचा ब्याज देना होगा।
नई योजना में टैक्स छूट को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं
वहीं, अधिक ब्याज की पेशकश करने पर बाजार में गिरावट आने की स्थिति में पीएफआरडी के लिए भुगतान मुश्किल हो सकता है। नई योजना में टैक्स छूट को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं है। इसके बावजूद एनपीएस में निवेश पर मिल रही मौजूदा टैक्स छूट मिल सकती है। मौजूदा समय में आयकर की धारा 80सी के तहत एनपीएस में निवेश पर 1.50 लाख रुपये की टैक्स छूट ले सकते है। इसके अलावा एनपीएस में निवेश पर 50 हजार रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट भी मिलती है।
निवेशकों के तय रिटर्न कैसे मिले
पीएफआरडीए एनपीएस की जिस न्यूनतम तय रिटर्न योजना (मार्स) पर विचार कर रहा है उसमें परामर्शक की भूमिका काफी अहम है। परामर्शक को यह आकलन करना है कि निवेशकों के तय रिटर्न कैसे दिया जा सकता है। उनके दिए गए सुझाव के आधार पर पीएफआरडीए से जुड़े पंजीकृत पेंशन फंड योजना पेश कर सकेंगे।
ब्याज या अन्य लाभ पर विचार
पीएफआरडीए नई योजना को लेकर यह विचार कर रहा है कि उसमें निवेश पर तय ब्याज दिया जाए या अन्य तय लाभ दिया जाए। हालांकि, हर हाल में निवेशकों को तय रिटर्न देना इस योजना का मुख्य मकसद है। पीएफआरडीए का मकसद इस योजना को आकर्षक और सुविधाजनक बनाना है। बाजार से जुड़ी योजना में तय रिटर्न देने की चुनौती को देखकर ही नियामक ने परामर्शक नियुक्त करने की योजना बनाई है।
निवेश की अवधि तय होगी
पीएफआरडी इस योजना में निवेश की अवधि यानी लॉक-इन पीरियड तय करने पर भी विचार कर रहा है। यह दो साल या तीन साल या अन्य समय अवधि हो सकती है। इसकी कुछ शर्तें भी होंगी। तय समय से पहले निकालने के लिए कुछ शर्तें रखीं जा सकती हैं। वहीं अवधि पूरी होने पर राशि सीधे बैंक खाते में जाएगी।
कई तरह की सुविधा मिलेगी
तय रिटर्न वाली इस नई योजना में निवेशकों को कई तरह के विकल्प दिए जा सकते हैं। पीएफआरडीए के मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक अवधि पूरी होने पर निवेशकों को इसे आगे बढ़ाने का भी विकल्प मिलेगा। हालांकि, उस स्थिति में वह नया निवेश माना जाएगा और लॉक-इन पीरियड की शुरुआत उस दिन से होगी। इसके अलावा एनपीएस की किसी दूसरी योजना को भी इसमें बदलने का विकल्प होगा लेकिन उसका आकलन भी नए निवेश की तरह होगा।