विवाहिता पुत्री को आश्रित कोटे में नियुक्ति देने का निर्देश
■ कोर्ट ने रद किया नियुक्ति से इन्कार करने का आदेश
■ जिला विद्यालय निरीक्षक फतेहपुर के आदेश को दिया अवैध करार
प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवाहिता पुत्री को मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति देने से इन्कार करने संबंधी जिला विद्यालय निरीक्षक फतेहपुर के आदेश को अवैध करार देते हुए रद कर दिया है। याची को नियुक्ति के लिए अर्ह मानते हुए तीन माह में आदेश जारी करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने रेखा देवी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने यह कहते हुए याची को आश्रित कोटे में नियुक्ति देने से इन्कार कर दिया था कि विधवा, तलाकशुदा पुत्री ही नियुक्ति पाने की हकदार हैं। विवाहिता पुत्री नहीं।
याची ने विमला श्रीवास्तव केस का हवाला देकर कहा कि कोर्ट ने विवाहित पुत्र की तरह विवाहिता पुत्री को भी आश्रित कोटे में नियुक्ति प्राप्त करने का हकदार माना है। इस पर कोर्ट ने नये सिरे से नियुक्ति पर आदेश जारी करने का निर्देश दिया है। अधिवक्ता घनश्याम मौर्य ने बहस की। कहाकि याची की मां राजकीय बालिका इंटर कालेज में परिचारिका थी। सेवाकाल में उनकी मृत्यु हो गई। याची ने आश्रित कोटे में नियुक्ति की अर्जी दी, जिसे डीआइओएस ने निरस्त कर दिया था।