मिले सुझाव : ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों से छिने आरक्षण, अगस्त के दूसरे सप्ताह तक शासन को विधेयक का प्रारूप सौंपने की तैयारी
● मताधिकार से वंचित करने की भी सिफारिश, एमपी-एमएलए पर भी लगे प्रतिबंध
● अगस्त के दूसरे सप्ताह तक शासन को विधेयक का प्रारूप सौंपने की तैयारी
लखनऊ : प्रदेशवासी व विभिन्न संगठन चाहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बन रहा कानून और सख्त हो। उसका दायरा और बड़ा किया जाए। इस बात के गवाह राज्य विधि आयोग को मिले सुझाव हैं। आयोग को भेजे गए करीब 8,500 सुझावों में अधिकांश ने दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को आरक्षण से वंचित किए जाने से लेकर मताधिकार छीनने की सिफारिशें की हैं। बहुत से लोगों ने स्थानीय निकाय चुनाव (नगर निकाय से लेकर पंचायत चुनाव तक) के साथ ही एमपी व एमएलए के चुनाव को भी इस कानून के दायरे में लाने की पैरवी की है।
हालांकि कई सुझाव ऐसे हैं, जिन पर आयोग अपने स्तर से अमल नहीं कर सकता। इसके लिए केंद्र सरकार को कदम उठाने होंगे। फिलहाल आयोग सुझावों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर उन पर मंथन कर रहा है। विधिक पहलुओं को भी गहराई से देखा जा रहा है।
आयोग अगस्त माह के दूसरे सप्ताह तक उप्र जनसंख्यक (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप सौंपने की तैयारी में है। राज्य विधि आयोग ने उप्र जनसंख्यक (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर उस पर लोगों के सुझाव आमंत्रित किए थे। आयोग ने सुझाव देने की समय सीमा 19 जुलाई तय की थी।
इस अवधि तक आयोग को करीब 8500 सुझाव मिले हैं। इनमें कई सुझाव एक जैसे भी हैं। आयोग को भेजे गए सुझावों में कई लोगों ने दो के स्थान पर अधिकतम तीन बच्चों के लिए कानून बनाए जाने की बात भी कही है। बहुत से लोगों का यह भी कहना है कि इस कानून को पहले ही लागू कर दिया जाना चाहिए था।