एक सप्ताह बाद भी आयकर के नए पोर्टल की खामियां नहीं हुई दूर
पोर्टल पर अभी भी कुछ सर्विस पर 'कमिंग सून' का संदेश
आयकर विभाग के नए ई-फाइलिंग पोर्टल (New I-T e-filing Portal) पर काम में तकनीकी समस्याओं (Technical Glitches) की शिकायतें पहले दिन से ही आनी शुरू हो गई थीं। एक सप्ताह के बाद भी शिकायतें बनी हुई हैं।
■ इन्फोसिस को 2019 में नेक्स्ट जनरेशन आयकर फाइलिंग प्रणाली तैयार करने का अनुबंध दिया गया था।
■ इसका मकसद रिटर्न की प्रोसेसिंग प्रक्रिया में लगने वाले 63 दिन के समय को कम कर एक दिन करने और ‘रिफंड’ प्रकिया को तेज करना है।
■ नया पोर्टल को (www.incometax.gov.in) सात जून को चालू किया गया।
नई दिल्ली
जोर-शोर से शुरू किए गए आयकर विभाग (Income Tax Department) के नए ई-फाइलिंग पोर्टल (New e-filing portal) पर यूजर्स को लगातार तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न लेखा परीक्षकों के अनुसार, इनमें ‘लॉग इन’ करने में अधिक समय लगना, नोटिस का जवाब देने में कठिनाई और इस पर दी गई सभी सुविधाओं का अब तक काम नहीं करना जैसी समस्याएं शामिल हैं। नया पोर्टल (www.incometax.gov.in) सात जून को चालू किया गया। आयकर विभाग और सरकार ने कहा है कि इसका मकसद अनुपालन को करदाताओं के लिए और सुगम बनाना है।
पोर्टल पर काम में तकनीकी समस्याओं की शिकायतें पहले दिन से ही आनी शुरू हो गई थीं। एक सप्ताह के बाद भी शिकायतें बनी हुई हैं। करदाता पिछली बार ई-फाइल किए गए अपने रिटर्न नहीं देख पा रहे हैं। कई सुविधाएं अभी शुरू नहीं हुई है। उन पर यह लिखा आ रहा है ‘कमिंग सून’ यानी जल्द शुरू होगी।
वित्त मंत्री ने कहा था जल्द से जल्द दिक्कतें दूर करने को
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पोर्टल तैयार करने वाली आईटी कंपनी इन्फोसिस (Infosys) और उसके चेयरमैन नंदन नीलेकणि (Nandan Nilekani) से एक ट्वीट के जरिए आयकर विभाग की नई ई-फाइलिंग वेबसाइट में आ रही तकनीकी खामियों को दूर करने को कहा था। पोर्टल शुरू होने के दूसरे ही दिन सीतारमण के ट्विटर टाइमलाइन पर भारी संख्या में यूजर्स ने पोर्टल के सही तरीके से काम नहीं करने की शिकायत की थी। उसके बाद वित्त मंत्री ने इन्फोसिस और उसके चेयरमैन से समस्याओं को दूर करने को कहा था।
नीलेकणि का क्या रहा था जवाब
सीतारमण के ट्वीट का जवाब देते हुए नीलेकणि ने कहा था कि इन्फोसिस तकनीकी दिक्कतें दूर कर रही है। इन्फोसिस को 2019 में नेक्स्ट जनरेशन आयकर फाइलिंग प्रणाली तैयार करने का अनुबंध दिया गया था। इसका मकसद रिटर्न की प्रोसेसिंग प्रक्रिया में लगने वाले 63 दिन के समय को कम कर एक दिन करने और ‘रिफंड’ प्रकिया को तेज करना है।
नोटिस के अनुपालन में आ रही समस्या
नांगिया एंड कंपनी एलएलपी भागीदार शैलेश कुमार ने कहा कि पोर्टल में ‘लॉग इन’ करने में होने वाली समस्याओं के साथ महत्वपूर्ण सुविधाएं अभी शुरू नहीं हुई है। जैसे 'ई-कार्यवाही' टैब पर ‘जल्द शुरू होने’ का संदेश आ रहा है। इससे करदाताओं और टैक्स प्रोफेशनल्स के बीच आदेशों के संबंध में चिंता बढ़ रही है। आदेश पारित किए जा रहे हैं और संबंधित मामले में अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहा है क्योंकि नोटिस के अनुपालन में समस्या आ रही है।
कुमार ने कहा, ‘‘करदाताओं को उन कारणों से दंड भुगतना पड़ सकता है, जो उनके नियंत्रण में ही नहीं है। साथ ही, करदाताओं को विदेशों में धन भेजने के लिए एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वे फॉर्म 15सीए/सीबी जारी करने में असमर्थ हैं। पोर्टल शुरू होने के बाद भी ये समस्या हैं। ये छोटी-मोटी गड़बड़ियां नहीं हैं और इस पर तत्काल ध्यान देने और समाधान करने की आवश्यकता है।’’
तकनीकी खामियां दूर होने पर ही फायदा
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि पिछले सप्ताह से पोर्टल पर जिन सामान्य मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, उनमें ‘लॉग इन’ में 10-15 मिनट का समय लगना, आकलन नोटिस के जवाब दाखिल करने में समस्या, पिछली फाइलिंग से संबंधित आंकड़े पोर्टल पर दिखाई नहीं देना और ई-कार्यवाही प्रणाली का पूरी तरह चालू नहीं होना शामिल हैं।’’ मोहन ने कहा, ‘‘नए आयकर पोर्टल की समस्याओं को जल्द-से-जल्द दूर करने की जरूरत है। तकनीकी खामियों से करदाताओं और टैक्स प्रोफेशनल्स को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।’’
डेलॉयट इंडिया की भागीदार आरती राउत ने कहा कि नए आयकर पोर्टल ने सभी के लिए उम्मीदें जगाई हैं। लेकिन नए पोर्टल का लाभ तभी दिखेगा, जब तकनीकी खामियां दूर हो जाएंगी। ध्रुव एडवाइजर्स एलएलपी भागीदार संदीप भल्ला ने भी कहा कि वेबसाइट यूजर्स के लिए अनुकूल जान पड़ती है लेकिन यह काफी धीमी चल रही है।