अधिकारियों / कर्मचारियों के ट्रांसफर पर लगी रोक हटी, 15 जुलाई 2021 तक मेरिट बेस पर ट्रांसफर किये जाने का आदेश जारी।
सरकारी अफसरों व कर्मचारियों के लिए तबादला नीति जारी, इस बार इस तरह से होंगे तबादले
राहत : उत्तर प्रदेश में तबादलों पर लगी रोक हटी, दो वर्ष बाद कर्मचारियों और अधिकारियों का हो सकेगा स्थानांतरण
जानिए किस तरह होंगे मेरिट बेस्ड ऑनलाइन तबादले? 20 फीसदी कर्मियों का हो सकेगा तबादला
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण का रास्ता साफ कर दिया है। तबादले यथासंभव ऑनलाइन मेरिट बेस्ड होंगे। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विभागों के कुल कर्मियों के 20 फीसदी का ही तबादला हो सकेगा। इस सीमा से अधिक स्थानांतरण की जरूरत पर समूह क व ख के लिए मुख्यमंत्री और समूह ग व घ के लिए विभागीय मंत्री से अनुमति लेनी होगी।
★ इस तरह होंगे तबादले 👇
■ समूह क व ख के जो अधिकारी अपने सेवाकाल में कुल तीन वर्ष पूरा कर चुके हैं, उन्हें संबंधित जिलों से ट्रांसफर होंगे।
समूह क व ख के जिन अधिकारियों ने मंडल में सात वर्ष पूरा कर लिया है, वे मंडलों के बाहर स्थानांतरित होंगे।
■ समूह क के अधिकारियों को उनके गृह मंडल तथा समूह ख के अधिकारियों को उनके गृह जिले में तैनात नहीं किया जाएगा। हालांकि यह प्रतिबंध केवल जिला स्तरीय विभागों व कार्यालयों में लागू होगा।समूह 'ग' के पटल परिवर्तन की विशेष व्यवस्था
■ समूह 'ग' के जिन कार्मिकों ने एक पटल पर तीन वर्ष पूरा कर लिया है, उनके पटल बदल दिए जाएंगे।
■ सबसे ज्यादा संख्या में कर्मी इसी श्रेणी में आते हैं। लंबे समय से एक ही क्षेत्र या पटल पर जमे कर्मी इस व्यवस्था से हट जाएंगे।
गुपचुप चल रहे थे तबादले प्रदेश सरकार ने स्थानांतरण सत्र 2020-21 में :
कोविड-19 महामारी से स्थानांतरण पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। लेकिन पूरे सत्र तबादले नहीं किए जा सके थे। तभी से सरकारी कार्मिक तबादला नीति का इंतजार कर रहे थे। आम कार्मिकों की दिक्कत ये थी कि जिनकी पहुंच और पकड़ थी, उनके तबादले प्रशासनिक आधार पर हो जा रहे थे। नियुक्ति विभाग ने वर्ष ' गुपचुप तबादले किए। यहां तक कि तबादला आदेश पब्लिक डोमेन में जारी करने बंद कर दिए गए। दूसरी ओर जो पारिवारिक समस्या, बीमारी या अन्य वाजिब कारण से तबादला चाहते थे, उनका तबादला नहीं हो पा रहा था।
प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण का रास्ता साफ कर दिया है । 15 जुलाई तक तबादले किए जा सकेंगे। तबादले यथासंभव ऑनलाइन मेरिट बेस्ड किए जाएंगे। तबादले की प्रक्रिया वही होगी जो 2018 में जारी तबादला नीति में तय की गई थी।
बताते चलें प्रदेश सरकार ने स्थानान्तरण सत्र 2020-21 में कोविड-19 महामारी की वजह से स्थानांतरण पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। लेकिन पूरे सत्र तबादले नहीं किए जा सके थे। तभी से सरकारी कार्मिक तबादला नीति का इंतजार कर रहे थे।
आम कार्मिकों की दिक्कत ये भी थी कि जिनकी पहुंच और पकड़ थी, उनके ताबदले प्रशासनिक आधार पर हो जा रहे थे। नियुक्ति विभाग ने वर्ष भर गुपचुप तबादले किए। यहां तक कि तबादला आदेश पब्लिक डोमेन में जारी करने बंद कर दिए गए।
दूसरी ओर जो पारिवारिक समस्या, बीमारी या अन्य वाजिब कारण से तबादला चाहते थे, उनका तबादला नहीं हो पा रहा था। विभागों के स्तर पर समस्याओं का सामना कर रहे कार्मिकों के तबादलों की अर्जियां बढ़ती जा रही थी।
स्थानान्तरण सत्र 2021-22 के लिए सामान्य स्थानान्तरण अवधि 31 मई, 2021 भी बीत गई थी, लेकिन सरकार ने तबादला नीति पर निर्णय नहीं किया था। दूसरा, चुनावी वर्ष की वजह से भी तबादलों पर लगी रोक हटाने का दबाव था।
मंगलवार को शासन ने तबादले पर रोक हटाते हुए नीति के अनुसार स्थानान्तरण का आदेश जारी कर दिया है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने शासन के समस्त अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी कर दिया है।
इस तरह होंगे तबादले
- समूह क व ख के जो अधिकारी अपने सेवाकाल में कुल तीन वर्ष पूरा कर चुके हैं, उन्हें संबंधित जिलों से ट्रांसफर होंगे।
- समूह क व ख के जिन अधिकारियों ने मंडल में सात वर्ष पूरा कर लिया है, को उन मंडलों के बाहर स्थानान्तरित होंगे।
- समूह क के अधिकारियों को उनके गृह मंडल तथा समूह ख के अधिकारियों को उनके गृह जिले में तैनात नहीं किया जाएगा। हालांकि यह प्रतिबंध केवल जिला स्तरीय विभागों व कार्यालयों में ही लागू होगा।
विभाग के कुल कर्मियों का 20 प्रतिशत ही तबादला
2018 की नीति के अनुसार विभागों में स्थानान्तरित अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या विभाग के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या के 20 प्रतिशत तक सीमित रखी जाएगी। इस सीमा से अधिक स्थानान्तरण की जरूरत पर समूह क व ख के लिए मुख्यमंत्री और समूह ग व घ के लिए विभागीय मंत्री से अनुमति लेनी होगी।
समूह ‘ग’ के पटल परिवर्तन की विशेष व्यवस्था
समूह ‘ग’ के जिन कार्मिकों ने एक पटल पर तीन वर्ष पूरा कर लिया है, उनके पटल बदल दिए जाएंगे।
सबसे ज्यादा संख्या में कर्मी इसी श्रेणी में आते हैं। लंबे-लंबे समय से एक ही क्षेत्र या पटल पर जमे कर्मी इस व्यवस्था से हट जाएंगे।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की सेकेंड स्ट्रेन पर काफी हद तक नियंत्रण करने के बाद अब राज्य कर्मचारियों को भी उत्तर प्रदेश सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। उत्तर प्रदेश में करीब दो वर्ष बाद अब राज्य कर्मचारी व अधिकारी के तबादले का आदेश जारी किया गया है। यह उत्तर प्रदेश के सभी कर्मचारी तथा अधिकारियों के लिए काफी राहत देने वाली खबर है।
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने तबादलों पर लगी रोक हटा ली है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने मंगलवार को तबादलों पर से रोक हटाने का आदेश जारी किया है। अब प्रदेश में किसी भी विभाग में 15 जुलाई तक तबादले हो सकेंगे।
राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले 15 जुलाई तक किए जा सकेंगे। वर्ष 2021-22 में सरकारी कर्मचारियों के तबादले के बारे में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने शासनादेश जारी कर दिया है। प्रदेश में मार्च 2018 में घोषित स्थानांतरण नीति के तहत सत्र में तबादले के लिए 31 मई अंतिम समयसीमा निर्धारित की गई थी लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष स्थानांतरण के लिए समय सीमा बढ़ा दी गई है।
इससे पहले भी 2020-21 के सत्र में कोरोना वायरस के भीषण संक्रमण के कारण तबादलों पर रोक लगा दी गई थी। प्रदेश में माहौल कुछ सुधरने के बाद इस वर्ष मार्च से सेकेंड स्ट्रेन ने अपना कहर बरपाया। जिसके कारण बड़ी जनहानि हुई। प्रदेश सरकार ने इसी कारण 2021-22 के लिए भी तबादला नीति तय नहीं की थी। अब स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आने के बाद से प्रदेश सरकार ने तबादला शुरू कर दिया है। प्रदेश में तबादले 15 जुलाई तक होंगे।