पंचायत चुनाव में ड्यूटी की तिथि से 30 दिन में जान गंवाने वाले कर्मियों के आश्रितों को 30-30 लाख रुपए देगी योगी सरकार
योगी सरकार का बड़ा फैसला, पंचायत चुनाव ड्यूटी से 30 दिन में कोरोना से मृत्यु पर 30 लाख, साक्ष्य के लिए यह रिपोर्ट्स होंगी मान्य
लखनऊ : सामान्य पंचायत निर्वाचन-2021 के दौरान ड्यूटी पर मृत कार्मिकों के संबंध में योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। चुनाव ड्यूटी से 30 दिन की अवधि में जिन शिक्षकों-कार्मिकों की कोरोना की वजह से मृत्यु हुई है, उनके परिवारों को 30-30 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। सिर्फ आरटीपीसीआर या एंटीजन टेस्ट की पाजिटिव रिपोर्ट ही नहीं, बल्कि खून की जांच और सीटी स्कैन की रिपोर्ट को भी कोविड-19 से मुत्यु होने का आधार माना जाएगा।
पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना के कारण मृत्यु पर 30 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का फैसला भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक राज्य निर्वाचन आयोग ने पहले कर लिया था, लेकिन मौजूदा नियमों के कारण बड़ी संख्या में पीड़ित लाभ पाने से वंचित रह जा रहे थे। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि चुनाव ड्यूटी में कोरोना से मृत सभी कार्मिकों के स्वजन को अनुग्रह राशि दी जाए, इसके लिए नियमों में संशोधन किया जाए।
शासन व आयोग के विचार-विमर्श में यह तथ्य सामने आया कि वायरल लोड कम हो तो एंटीजन टेस्ट में कोरोना पकड़ में ही नहीं आता। कुछ मामलों में आरटीपीसीआर से भी संक्रमण का पता नहीं चलता। खून की जांच और सीटी स्कैन में बीमारी सामने आती है। कोविड-19 से संबंधित शोध पत्र भी पढ़े गए, जिसमें स्पष्ट हुआ कि कोरोना संक्रमित होने के बाद 28 दिन की अवधि तक मृत्यु हो सकती है।
शोध पत्रों के आधार पर चुनाव ड्यूटी की तिथि से तीस दिन के अंदर कोविड-19 से मृत्यु पर अनुग्रह राशि देने का प्रस्ताव बनाया, जिसे सोमवार को कैबिनेट बाई सकरुलेशन मंजूरी दे दी गई। 30 लाख अनुग्रह राशि देने संबंधी प्रस्ताव को भी कैबिनेट से अनुमोदित कराया है। स्पष्ट उल्लेख किया है कि कोरोना मरीज के कुछ हालातों में टेस्ट में नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी पोस्ट कोविड समस्याओं से मृत्यु हो सकती है। इसके चलते ऐसी मृत्यु भी कोरोना से ही मानी जाएगी। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि संबंधित शासनादेश मंगलवार को जारी कर दिया जाएगा।
अनुग्रह राशि पर खर्च हो सकते हैं 350 करोड़ रुपये
अनुग्रह राशि के तौर पर राज्य सरकार को तकरीबन 350 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। अनुमान है कि नई व्यवस्था से 1000 से 1200 कार्मिकों के परिवारों को अनुग्रह राशि मिल जाएगी। पहले डीएम से पंचायतीराज विभाग को भेजे गए प्रस्ताव में कुल 74 कार्मिकों की मृत्यु के प्रस्ताव ही नियमानुसार सही पाए गए थे। इनमें कोविड-19 से मृत्यु के 40 व नान-कोविड-19 के 34 मामले थे।
सरकार ने लम्बे अध्ययन तथा विचार के बाद तय किया कि चुनाव की तिथि के 30 दिन के अंदर किसी भी कारण से मृत शिक्षकों- सरकारी कर्मियों के परिवार के लोगों को आर्थिक सहायता के रूप में 30-30 लाख रुपया की धनराशि प्रदान करेगी।
लखनऊ । कोरोना संक्रमण काल के दौरान पंचायत चुनाव में मृत सभी शिक्षक तथा सरकारी कर्मियों के आश्रितों के हित में योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। लम्बे समय से चल रहे विवाद का सोमवार को सरकार ने पटाक्षेप कर दिया। इसके लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने चुनाव आयोग की गाइडलाइन में बदलाव कर ड्यूटी पीरियड को 30 दिन माना है, जबकि आमतौर पर इसको तीन दिन माना जाता है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पंचायत चुनाव के दौरान मृत शिक्षक या अन्य सरकारी कर्मियों के परिवारीजन को 30-30 लाख रुपया की आर्थिक सहायता देगी। सरकार ने लम्बे अध्ययन तथा विचार-विमर्श के बाद तय किया कि चुनाव की तिथि के से 30 दिन के अंदर मृत शिक्षकों तथा सरकारी कर्मियों के परिवार के लोगों को आर्थिक सहायता के रूप में 30-30 लाख रुपया की धनराशि प्रदान करेगी।
सरकार जरा भी निराश नहीं करेगी: कोरोना संमक्रण काल में पंचायत चुनाव में ड्यूटी या फिर चुनाव की तारीख के 30 दिन के बाद मृत शिक्षक व अन्य सरकारी कर्मी के परिवार को सरकार जरा भी निराश नहीं करेगी। अब सभी का ब्यौरा लेकर उनको सहायता राशि देने की प्रक्रिया पर काम होगा। जिससे कि कम समय में ही उन सभी को सहायता मिल सके।