स्कूली बच्चों की तर्ज अब बेसहारा और बुजुर्गों को मिलेगा मिड डे मील
सरकार ने योजना को दिया अंतिम रूप, अगस्त से हो सकती है शुरुआत
नई दिल्ली: स्कूली बच्चों की तरह सरकार अब बेसहारा बुजुर्गो के लिए भी मिड डे मील की तैयारी कर रही है। अगस्त से देश के कुछ चुनिंदा नगर निकायों और ग्राम पंचायतों से बुजुर्गो के लिए इस मिड डे मील योजना की शुरुआत करने की तैयारी है। तीन से चार साल में इसे देशभर में लागू करने की योजना है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय ने बुजुर्गो को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराने की इस योजना का रोडमैप फिलहाल तैयार कर लिया है। इस मिड डे मील योजना के लिए बजट में प्रारंभिक तौर पर करीब 40 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस पोषण अभियान के लिए राशि वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष से ली गई है, जिसका सृजन बैंकों और वित्तीय निकायों की अनक्लेम्ड मनी से किया गया है। मौजूदा समय में यह कोष हजारों करोड़ रुपये का है।
मंत्रलय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, इस स्कीम का उद्देश्य ऐसे सभी बुगुर्जो को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराना है, जो असहाय हैं। इस भोजन में वह सारी सामग्री शामिल होगी, जो पौष्टिक व उनके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगी। बुजुर्गो को भोजन उपलब्ध कराने का यह जिम्मा नगर निकायों व ग्राम पंचायतों को सौंपा गया है, जो ऐसे बुजुर्गो को चिह्न्ति कर उन्हें भोजन उपलब्ध कराएंगे। खाना कैसे तैयार होगा, यह पंचायतों और नगर निकायों पर निर्भर करेगा। फिलहाल देश में बुजुर्गो की संख्या लगभग 12 करोड़ है और 2050 तक इनकी संख्या 31 करोड़ से ज्यादा होने का अनुमान है।
सरकार ने योजना को दिया अंतिम रूप, अगस्त से हो सकती है शुरुआत
’>>ग्राम पंचायत और नगर निकायों के माध्यम से दिया जाएगा भोजन
’>>अगले तीन से चार साल में देशभर में लागू की जाएगी यह स्कीम
’>>वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष से की जा रही है फंड की व्यवस्था
’>> योजना के लिए बजट में प्रारंभिक तौर पर 40 करोड़ का आवंटन