Searching...
Thursday, May 6, 2021

आरक्षण पर बड़ा फैसला : 50 फीसद की सीमा रहेगी बरकरार - सुप्रीम कोर्ट

आरक्षण पर बड़ा फैसला  : 50 फीसद की सीमा रहेगी बरकरार - सुप्रीम कोर्ट



सुप्रीम कोर्ट ने देश में आरक्षण की राजनीति को प्रभावित करने वाला दूरगामी फैसला सुनाया है। बुधवार को दिए गए फैसले से न सिर्फ आरक्षण की अधिकतम 50 फीसद सीमा समाप्त करने की राज्यों की मांग पर विराम लग गया है बल्कि आरक्षण को लेकर राज्यों में होने वाली राजनीति और सौदेबाजी भी खत्म होती दिखाई देती है।


 पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एक सुर में कहा कि आरक्षण की अधिकतम 50 फीसद सीमा तय करने वाले इंदिरा साहनी फैसले को पुनर्विचार के लिए बड़ी पीठ को भेजने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने 2018 के 102वें संविधान संशोधन को संवैधानिक ठहराते हुए तीन-दो के बहुमत से दिए फैसले में कहा कि पिछड़ों के बारे में सिर्फ एक ही केंद्रीय सूची होगी जो राष्ट्रपति अधिसूचित करेंगे। यानी राज्य और केंद्र की पिछड़ा वर्ग की अलग-अलग सूची नहीं होगी।


इसके साथ ही कोर्ट ने महाराष्ट्र में मराठों को नौकरी और शिक्षा में दिए गए आरक्षण को असंवैधानिक ठहरा दिया है। पांच न्यायाधीशों ने एकमत से मराठा आरक्षण रद कर दिया। पीठ ने कहा कि मराठा आरक्षण देने के मामले में ऐसी कोई अपवाद की परिस्थितियां नहीं हैं जिससे आरक्षण की तय 50 फीसद सीमा का उल्लंघन किया जाए।


आरक्षण की 50 फीसद सीमा तय करने वाले इंदिरा साहनी फैसले पर पुनर्विचार से सुप्रीम कोर्ट के इन्कार से आरक्षण को लेकर जारी बहस और कानूनी लड़ाई फिलहाल थमती नहीं नजर आ रही क्योंकि ज्यादातर राज्यों ने आरक्षण देने में इस सीमा का उल्लंघन किया है। ऐसे कुछ मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित भी हैं। 1992 में इंदिरा साहनी फैसले में जिसे मंडल जजमेंट भी कहा गया, नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा था कि आरक्षण 50 फीसद से ज्यादा नहीं हो सकता। हालांकि फैसले में अपवाद परिस्थितियों में 50 फीसद सीमा का अपवाद स्वरूप अतिक्रमण करने की इजाजत दी गई थी।


सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की अधिकतम 50 फीसद सीमा तय करने वाले 1992 के इंदिरा साहनी फैसले को पुनर्विचार के लिए बड़ी पीठ को भेजने की मांग ठुकाराई

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स