पंचायत चुनाव के दौरान संक्रमित हुए मृत कर्मियों के परिवार की सहायता में जुटी सरकार, मिलेगी इतनी राशि
पंचायत चुनाव में जान गंवाने वाले कर्मियों को आर्थिक सहायता सर्वोच्च प्राथमिकता पर दिलाने के निर्देश, 3 दिन के अंदर ब्यौरा व प्रस्ताव गया मांगा
लखनऊ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जान गंवाने वाले कर्मियों को आर्थिक सहायता दिलाने के काम को सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता घोषित कर दिया है। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों से चुनाव प्रशिक्षण व ड्यूटी में जान गंवाने या घायल होने वाले कर्मियों का तीन दिन के भीतर विस्तृत ब्यौरा व आर्थिक सहायता का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने को कहा है। हाल में संपन्न हुए इस चुनाव में कई कर्मियों की कोरोना से मौत की सूचना है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि चुनाव कार्यों के दौरान मृत कर्मियों के संबंध में निर्वाचन ड्यूटी का प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, एफआईआर की प्रति, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, कोरोना से मौत की दशा में एंटीजन / आरटीपीसीआर रिपोर्ट तथा स्थायी दिव्यांगता की दशा में सीएमओ / सीएमएस द्वारा जारी प्रमाण पत्र व अन्य आवश्यक अभिलेख उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा है कि चुनाव ड्यूटी में कर्मी के अनुरोध पर अथवा अन्य कारण से छूट दिए जाने की दशा में यदि कोई परिवर्तन हुआ तो उस आदेश की प्रति भी दी जाए।
मिलेगी इतनी राशि
सरकार द्वारा चुनाव प्रशिक्षण, मतदान व मतगणना के दौरान असामयिक दुर्घटना में मृत्यु की दशा में 15 लाख तथा किसी असामयिक आतंकवादी हिंसा (असामाजिक तत्वों द्वारा हत्या, रोड माइंस, बम ब्लास्ट, हथियारों से आक्रमण) व कोरोना से मृत्यु पर 30 लाख की सहायता देने की व्यवस्था की गई है। पूर्ण दिव्यांगता की दशा में 15 लाख तथा अन्य कारण से घटित दुर्घटना में किसी अंग की स्थायी दिव्यांगता पर 7.50 लाख की आर्थिक सहायता दी जाती है।