पंचायत चुनाव के संशोधित आरक्षण पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
● पंचायती राज नियमावली में 2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण करने संबधी संशोधन को चुनौती
● हाई कोर्ट ने सरकार व चुनाव आयोग से किया जवाब तलब, महाधिवक्ता को भी नोटिस जारी
लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ ख्ांडपीठ ने पंचायत चुनाव में आरक्षण सहित कई ¨बदुओं पर राज्य सरकार व चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है। हाल ही में यूपी पंचायत राज नियमावली में संशोधन करने, गत 17 मार्च को 2015 को आधार वर्ष मानकर त्रिस्तरीय चुनावों में चक्रानुक्रम आरक्षण करने व 26 मार्च को पंचायती चुनावों की घोषणा करने संबधी शासनादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा गया है।
जस्टिस रितुराज अवस्थी व जस्टिस मनीष माथुर की पीठ ने यह आदेश दिलीप कुमार की ओर से अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया द्वारा दाखिल रिट याचिका पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवायी करते हुए पारित किया। पीठ ने नियमावली में संशोधन की संवैधानिकता को चुनौती दिए जाने के कारण महाधिवक्ता को भी नोटिस जारी कर उनका पक्ष पूछा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवायी तीन हफ्ते बाद तय की है।
इससे पहले पीठ ने अपने 15 मार्च, 2021 के उस आदेश के खिलाफ याची की ओर से दाखिल पुनरीक्षण अर्जी खारिज कर दी, जिसमें पीठ ने 2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण करने का आदेश दिया था। पीठ ने अर्जी इस आधार पर खारिज कर दी कि 2015 को आधार वर्ष बनाने के लिए पंचायती राज नियमावली में आवश्यक संशोधन न किए जाने की याची की दलील में बल नहीं रह जाता, क्योंकि राज्य सरकार ने गत 17 मार्च को इस नियमावली में आवश्यक संशोधन कर दिये। इस अर्जी के साथ याची ने एक नयी याचिका प्रस्तुत कर दी थी, जिस पर भी सुनवायी हुई।