इलाज न करने पर सीएम योगी नाराज, सरकारी अस्पताल में बेड नहीं तो निजी में इलाज कराएं, सरकार करेगी भुगतान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नियमानुसार सरकार इनके उपचार का खर्च वहन करेगी, लेकिन मरीज को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आए लोगों को समुचित इलाज उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेड की कमी दिखाकर कोविड पॉजिटिव मरीज का इलाज न किए जाने की घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने ऐसी घटनाओं को संवेदनहीन करार देते हुए मंडलायुक्तों को इस संबंध में स्वयं व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री रविवार शाम कोविड-19 प्रबंधन के संबंध में मंडलायुक्त, एडीजी, आईजी व डीआईजी के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी जिले में बेड का अभाव नहीं है। फिर भी कतिपय स्थानों से बेड के अभाव में मरीजों को उपचार से वंचित करने की घटनाएं संज्ञान में आई हैं। यह संवेदनहीनता है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकारी अस्पताल में बेड रिक्त नहीं हैं तो निजी चिकित्सालय में इलाज की सुविधा दिलाई जाए। राज्य सरकार नियमानुसार उसका भुगतान करेगी। मंडलायुक्त स्वयं इस व्यवस्था की मॉनिटरिंग करते हुए प्रभावी ढंग से लागू कराएं।
उन्होंने कहा कि टेस्ट हो या ट्रीटमेंट, राज्य सरकार ने सभी के लिए शुल्क की दरें तय कर दी हैं। समस्त जिला प्रशासन निर्धारित दरों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। किसी भी अस्पताल से यदि अधिक शुल्क लेने की शिकायत मिली तो उनके विरुद्ध महामारी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई होनी तय है। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी हॉस्पिटल जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है, वहां दिन में दो बार अस्पताल में रिक्त बेड का विवरण सार्वजनिक किया जाए।