शासनादेश
लखनऊ। समस्त नियोजकों को कोविड संक्रमण का सामना करने वाले अपने कार्मिकों को वेतन सहित 28 दिन की छुट्टी देने की व्यवस्था का पालन करना अनिवार्य होगा। अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चंद्रा ने इस संबंध में नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण बढ़ने पर पिछले वर्ष 20 मार्च को एक अधिसूचना जारी की थी। इसमें होम आइसोलेशन में रहने वाले कोविड संदिग्ध कार्मिकों को 28 दिन का सवेतन अवकाश तथा प्रशासन के निर्देश पर अस्थायी रूप से बंद दुकानों, प्रतिष्ठानों में कार्यरत कार्मिकों को उस अवधि की पूरी मजदूरी सहित अवकाश देने को कहा गया था लेकिन इस वर्ष कोविड की दूसरी लहर में संक्रमण शुरू हुआ तो कई कंपनियों, दुकानों व प्रतिष्ठानों के इस आदेश को न माने जाने की शिकायतें आने लगी थीं। न सिर्फ कोविड संदिग्ध को इस सुविधा से वंचित किया जा रहा था, बल्कि कई जगह होम आइसोलेशन में रहने वाले कोविड पॉजिटिव कार्मिकों से वर्क फ्रॉम होम का दबाव बनाया जा रहा था। शासन ने ऐसी शिकायतों का संज्ञान लेकर नए सिरे से आदेश जारी कर दिया है।
अपर मुख्य सचिव श्रम ने समस्त मंडलायुक्तों, श्रम आयुक्त व समस्त डीएम को जारी आदेश में कहा है कि कोविड-19 के संक्रमण की परिस्थितियां गंभीर रूप से बनी हुई हैं। ऐसे में 20 मार्च 2020 को जारी इन आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं।
महत्वपूर्ण निर्देश
■ कोविड-19 से ग्रसित कर्मचारियों जो संदिग्ध रूप से प्रभावित हों और आइसोलेशन में हों, उनके नियोजकों द्वारा 28 दिन का सवेतन अवकाश दिया जाएगा। हालांकि यह सुविधा तभी दी जाए जब कर्मचारी स्वस्थ होने के बाद अपने नियोजक या प्राधिकृत व्यक्ति को चिकित्सा प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएगा।
■ ऐसी दुकानों, वाणिज्यक प्रतिष्ठानों व कारखाने जो राज्य सरकार या जिला मजिस्ट्रेट के आदेश से अस्थायी रूप से बंद हैं, के कर्मचारियों व कर्मकारों को अस्थायी बंदी अवधि का मजदूरी सहित अवकाश दिया जाएगा।
■ समस्त दुकानों, वाणिज्यिक अधिष्ठानों व कारखानों (जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं) को अपनी इकाई के सूचना पट और मुख्य द्वार पर कोविड-19 की रोकथाम के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा निर्देशित सुरक्षा उपायों को प्रदर्शित करना होगा।