मनरेगा के संविदा कर्मियों की नियुक्ति सेवा प्रदाता कंपनी से करने की तैयारी, मनरेगा कर्मचारी संघ ने दी हड़ताल की चेतावनी
ग्राम्य विकास विभाग ने जेम पोर्टल के जरिए निकाला टेंडर, कर्मचारियों और अधिकारियों को ठेकेदार के हाथ सौंपने की तैयारी
लखनऊ। मनरेगा में जिन संविदा कर्मचारियों के बूते यूपी बीते दो वर्षों से राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर रहा है, अब उन्हीं कर्मचारियों और अधिकारियों को ठेकेदार के हाथ सौंपने की तैयारी है। ग्राम्य विकास विभाग ने मनरेगा में कर्मचारियों की भर्ती अब जेम पोर्टल के जरिए सेवा प्रदाता कंपनी से कराने के लिए टेंडर निकाला है। इससे 14 साल से काम कर रहे प्रदेश के करीब छह हजार कर्मचारियों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है।
प्रदेश में मनरेगा के क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक ब्लॉक में एक अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, एक से दो कंप्यूटर ऑपरेटर, एक लेखा सहायक, से 10 तकनीकी सहायक नियुक्त किए जाते हैं। अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को 28 हजार, शेष तीनों पदों के कर्मचारियों को 11,200 रुपये महीने मानदेय दिया जाता है। आप यह खबर शासनादेश डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। इन कर्मचारियों के कामकाज का आंकलन डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी करती थी उनके कामकाज के आधार पर कार्यकाल हर साल बढ़ाया जाता था। अब इन पदों पर एक-एक साल के लिए भर्ती का टेंडर जारी किया गया है बर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को भी सेवा प्रदाता कंपनी के हवाले करने की तैयारी है। हालांकि अभी सेवा प्रदाता कंपनी रिक्त पदों पर नए कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी। इस बीच, मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश संयोजक ने इस फैसले का विरोध करते हुए हड़ताल की चेतावनी दी है।
यह होगा बदलाव...
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान व्यवस्था में सरकार सीधे मनरेगा कर्मी को मानदेय देती है। अब सरकार सेवा प्रदाता कंपनी को भुगतान करेगी, वह कर्मचारियों को भुगतान करेगी। इसमें मानदेय के अलावा जेम पोर्टल और ठेकेदार फर्म का कमीशन का भुगतान अलग से करना होगा।