यूपी पंचायत चुनाव : सिर्फ ₹650 से 4000 के खर्च में लड़ सकते हैं चुनाव, चुनाव के बाद देना होगा हिसाब
त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में अगर वोटरों को लुभाने और चुनाव प्रचार के लिए दो पहिया-चार पहिया वाहनों के काफिले के साथ समर्थकों व कार्यकर्ताओं पर होने वाले अनाप- शनाप खर्च को छोड़ दें तो प्रत्याशी 650 रुपये से लेकर 4000 रुपये तक खर्च कर के भी चुनाव लड़ सकते हैं।
अनुसार ग्राम पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी को 150 रुपये नामांकन पत्र का शुल्क और 500 रुपये की जमानत राशि देनी होगी। ग्राम प्रधान पद के प्रत्याशी को नामांकन पत्र का 300 रुपये शुल्क और 2000 रुपये जमानत राशि अदा करनी होगी। इसी क्रम में क्षेत्र पंचायत सदस्य 300 रुपये नामांकन पत्र का शुल्क और 2000 रुपये की जमानत राशि तथा जिला पंचायत सदस्य को 500 रुपये नामांकन पत्र का शुल्क और 4000 रुपये जमानत राशि अदा करने होंगे।
अगर उम्मीदवार अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग अथवा महिला वर्ग से है तो उन्हें नामांकन पत्र का शुल्क और जमानत राशि की निर्धारित राशि की आधी धनराशि देनी होगी। वैसे राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी पदों के प्रत्याशियों की चुनाव खर्च सीमा तय कर रखी है। आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा के अनुसार चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा किये जाने वाले खर्च पर नजर रखी जाएगी और चुनाव के बाद प्रत्याशियों से उनके द्वारा खर्च की गई राशि का ब्यौरा भी लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की धनराशि की सीमा संशोधित की गई थी, वहीं इस बार के चुनाव में लागू रहेगी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि नामांकन दाखिल के समय प्रत्याशियों को अपनी सम्पत्ति के ब्योरे, आपराधिक पृष्ठभूमि, बकाएदारों का भी विवरण देना होगा। प्रत्याशियों का नामांकन के समय किसी तरह का कोई शपथ पत्र नहीं देना होगा। ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख जिला पंचायत अध्यक्ष को शिक्षा, सम्पत्ति का ब्योरा, किसी कर की बकाएदारी, मुकदमा आदि का ब्योरा भी देना होगा।