यूपी : रोजगार देने के आंकड़े नहीं बता रहे कई विभाग, हर 15 दिन में सूचना अपडेट करने में फिसड्डी साबित हुए विभाग
हर 15 दिन पर ब्योरा अपडेट करने के हैं आदेश, लेकिन कई विभागों ने शुरुआत तक नहीं की
लखनऊ। प्रदेश के कई विभाग शासन के आदेश के बावजूद रोजगार के आंकड़े अपडेट नहीं कर रहे हैं। मुख्य सचिव ने इस स्थिति का संज्ञान लिया है। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 15 मार्च को इस संबंध में मुख्य सचिव ने सभी प्रमुख विभागों के अपर मुख्य सचिवों व सचिवों की समीक्षा बैठक बुलाई है। विभागों को इस संबंध में जारी शासनादेश के अनुपालन की रिपोर्ट के साथ उपस्थित होने को कहा गया है।
राज्य सरकार ने रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण व अप्रेंटिसशिप के जरिए रोजगार व स्वरोजगार के विशेष अवसर उपलब्ध कराने के लिए 5 दिसंबर 2020 से मिशन रोजगार शुरू किया है। शासन ने उस समय निर्देश दिए थे कि सभी प्रशासकीय विभाग अपने अधीन निदेशालय, निगम, बोर्ड व आयोग के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करें। नोडल अधिकारी को रोजगार से संबंधित डाटा की प्रविष्टि संबंधित पोर्टल पर करने की जिम्मेदारी दी गई थी। हर माह की 15 तारीख व अंतिम दिन रोजगार से जुड़ी सूचनाओं को अपडेट करने के कड़े निर्देश भी दिए गए थे।
सरकार की मंशा थी किप्रदेश में उपलब्ध कराए जा रहे रोजगार की जानकारी साझा कर रोजगार देने के मोर्चे पर सरकर के प्रयासों को प्रमुखता से प्रचारित किया जाए। इसके लिए
15 मार्च को मुख्य सचिव ने बुलाई बैठक, मिशन रोजगार में कार्यवाही की करेंगे समीक्षा
औद्योगिक विकास विभाग ने तलब की नवीनतम रिपोर्ट
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने प्रबंध निदेशक पिकप व यूपीएफसी, सीईओ नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, यूपीडा, गोडा, सीडा, डीएमआईसी व आईआईटीजीएनएल को इस संबंध में पत्र लिखा है। इनसे कहा गया है कि वे रोजगार से संबंधित सूचनाएं अपडेट कराने संबंधी शासनादेश का पालन सुनिश्चित कराते हुए प्रकरण की नवीनतम रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। यह रिपोर्ट विशेष सचिव व अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी इन्वेस्ट यूपी बी. मुथुकुमार सामी को उपलब्ध कराई जाएगी।
विभागों को लॉगिन-आईडी भी उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन तमाम विभागों ने इस संबंध में कोई कार्यवाही ही नहीं की। पोर्टल पर रोजगार प्राप्त करने वाले लोगों के नाम उपलब्ध कराने की कार्यवाही अब तक शुरू ही नहीं हो पाई है। इससे रोजगार उपलब्ध कराने के दावों से संबंधित आंकड़ों पर लोग भरोसा नहीं कर पाते हैं। मुख्य सचिव ने सरकार के अति महत्वाकांक्षी अभियान में विभागों की इसी उदासीनता का संज्ञान लिया है।