ITR दाखिल करने को बचे हैं अब 10 दिन से कम, जानें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के हर तरीके के बारे में सब कुछ
कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार (Central Government) कई बार इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल (ITR Filing) करने का समय बढ़ा चुकी है. अब टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को 31 दिसंबर 2020 तक हर हाल में आईटीआर फाइल (Deadline) करना है. आइए जानते हैं कि किन-किन तरीकों से आईटीआर दाखिल किया जा सकता है...
नई दिल्ली. टैक्सपेयर्स के पास सालाना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने के लिए सिर्फ 10 दिन बचे हैं. केंद्र सरकार (Central Government) कोरोना संकट के मद्देनजर पहले ही कई बार आईटीआर फाइल करने का समय आगे खिसका चुकी है. अब टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को 31 दिसंबर 2020 तक हर हाल में आईटीआर दाखिल करना ही होगा. सरकार ने इसकी प्रक्रिया (Filing Process) इतनी आसान कर दी है कि कोई भी टैक्सपेयर घर बैठे आईटीआर दाखिल कर सकता है. इसके लिए कुछ डॉक्युमेंट्स तैयार रखने होते हैं. आइए आईटीआर फाइल करने की ऑफलाइन और ऑनलाइन प्रक्रिया (Offline & Online Process) के बारे में सबकुछ जानते हैं.
टैक्सपेयर्स कई तरह से फाइल कर सकते हैं ITR
इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, सभी टैक्सपेयर्स को आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है. आईटीआर ऑफलाइन, ऑनलाइन और सॉफ्टवेयर की मदद से दाखिल किया जा सकता है. इनमें से ऑफलाइन मोड में सभी प्रकार के आईटीआर फॉर्म भरे जा सकते हैं. ऑनलाइन आईटीआर सिर्फ फॉर्म-1 और फॉर्म-4 ही भरे जा सकते हैं. अगर टैक्सपेयर्स चाहें तो सॉफ्टवेयर की मदद से सभी प्रकार के आईटीआर दाखिल कर सकते हैं. जावा या एक्सेल फॉर्मेट में एप्लिकेबल आईटीआर फॉर्म डाउनलोड कर उसे ऑफलाइन भर सकते हैं. एक्सएमएल जेनेरेट कर उसे ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगइन करके अपलोड कर सकते हैं. इस मोड के जरिये सभी प्रकार के आईटीआर फॉर्म भरे जा सकते हैं. ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगइन कर आईटीआर तैयार कर सबमिट कर दें. हालांकि, ऑनलाइन मोड में सिर्फ फॉर्म-1 और फॉर्म-4 ही फाइल किया जा सकता है.
अगर ऑफलाइन फाइल करना है ITR तो ये करें
टैक्सपेयर्स ऑफलाइन आईटीआर फाइल करना चाहते हैं तो पहले इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं. इसके बाद इनकम टैक्स रिटर्न सॉफ्टवेयर पर क्लिक करें और मेन्यू में जाकर डाउनलोड पर क्लिक करें. फिर अपना असेसमेंट ईयर चुनें और एप्लिकेबल आईटीआर डाउनलोड करें. बता दें कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए असेसमेंट ईयर 2020-21 होगा. इसके बाद आईटीआर फॉर्म भरें. टैक्सपेयर प्री-फिल्ड एक्सएमएल भी डाउनलोड कर सकते हैं. इसमें कई जानकारियां पहले से ही भरी होंगी. हालांकि, इसके लिए ई-फाइलिंग पोर्टल में लॉगइन कर माय अकाउंट मेन्यू के तहत डाउनलोड प्री-फिल्ड एक्सएमएल पर क्लिक कर डाउनलोड करना होगा.
दी गई जानकारियों को ऐसे कर सकते हैं वैलिडेट
आईटीआर फॉर्म में भरी गई सभी जानकारी को वैलिडेट करें और टैक्स कैलकुलेट करें. इसके बाद एक्सएमएल को जेनेरेट कर सेव कर लें. ई-फाइलिंग पोर्टल में लॉगइन करें और ई-फाइल मेन्यू के तहत इनकम टैक्स रिटर्न को चुनें. इसमें आपका पर्मानेंट अकाउंट नंबर (PAN) पहले से भरा होगा. अपना असेसमेंट ईयर, आईटीआर फॉर्म नंबर, फाइलिंग टाइप ओरिजिनल या रिवाइज्ड और सबमिशन मोड चुनकर एक्सएमएल अपलोड कर दें.
आईटीआर को वेरिफाई करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट, आधार ओटीपी, माय अकाउंट के तहत जेनरेट ईवीसी विकल्प के जरिये पहले से ही जेनरेट किए हुए ईवीसी में किसी एक विकल्प को चुनें. अगर कोई टैक्सपेयर आईटीआर को बाद में प्रमाणित करना चाहता है तो रिमाइंडर का ऑप्शन दिया हुआ है. अगर आईटीआर ऑनलाइन वेरिफाई नहीं करना चाहते हैं तो बेंगलुरु के इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट को आईटीआर-5 की हस्ताक्षर की हुई कॉपी भेज सकते हैं.
ये विकल्प चुनने पर अटैच करें डिजिटल सिग्नेचर
वेरिफाई करने या नहीं करने के विकल्प को चुनने के बाद कंटिन्यू (Continue) पर क्लिक करें. अपनी आईटीआर एक्सएमएल फाइल अटैच कर सबमिट पर क्लिक करें. अगर आपने डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) का विकल्प चुना है तो डिजिटल सिग्नेचर अटैच करें. आधार ओटीपी सेलेक्ट किया था तो रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को भरें. अगर ईवीसी चुना था तो रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ईवीसी भरें. अगर ई-वेरिफाई लेटर को चुना है तो आईटीआर तो सबमिट हो चुका है, लेकिन वेरिफाई नहीं हुआ है. अगर आपने ई-वेरिफाई नहीं करने के विकल्प को चुना है तो बाद में आईटीआर को हस्ताक्षर कर बेंगलुरु भेज दें. इससे पहले आईटीआर सबमिट पर क्लिक कर दें.
ऑनलाइन में फॉर्म-1 और 4 से होगा ITR दाखिल
टैक्सपेयर अगर ऑनलाइन रिटर्न फाइल करना चाहता है तो सिर्फ फॉर्म-1 और फॉर्म-4 से ही दाखिल कर सकता है. बता दें कि इसके तहत वेतन से आय और अन्य स्रोत या हाउस प्रॉपर्टी से आय वाले ही आईटीआर फाइल कर सकते हैं. इसके लिए इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग पोर्टल www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं. इसके बाद ई-फाइलिंग में लॉगइन कर ई-फाइल मेन्यू के तहत इनकम टैक्स रिटर्न पर क्लिक करें. इसमें आपका पैन पहले से भरा होगा. अपना असेसमेंट ईयर, आईटीआर फॉर्म नंबर, फाइलिंग टाइप और सबमिशन मोड चुनें. आईटीआर फॉर्म में एप्लिकेबल और मैंडेटरी फील्ड्स भरें. बेहतर होगा बार-बार सेव ड्राफ्ट पर क्लिक करते रहें.
ऑनलाइन फाइलिंग के लिए डिजिटल सिग्नेचर जरूरी
ऑनलाइन आईटीआर फाइल करते समय टैक्स पेड एंड वेरिफिकेशन टैब में वेरिफिकेशन ऑप्शन चुनें. इसमें टैक्सपेयर के पास वैलिड आधार या प्रीवैलिडेटेड डीमैट अकाउंट या डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट होना चाहिए. डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट आपके पैन कार्ड के साथ ई-फाइलिंग के लिए रजिस्टर्ड होना चाहिए. इसमें टैक्सपेयर को आईटीआर को वेरिफाइ करने के लिए 120 दिन का समय भी मिलता है. अगर टैक्सपेयर चाहें तो इस विकल्प को चुन सकते हैं. वहीं, अगर कोई व्यक्ति चाहे तो आईटीआर को वेरिफाई कर पोस्ट के जरिये बेंगलुरु में इनकम टैक्स ऑफिस भेज सकता है. अगर कोई तुरंत वेरिफाई करना चाहता है तो उसे प्रिव्यू एंड सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा.
साफ्टवेयर से आईटीआर दाखिल करना है सबसे आसान
आईटीआर दाखिल करने का आखिरी विकल्प सॉफ्टवेयर के जरिये फाइल करना है. इससे हर तरह के आईटीआर फाइल किए जा सकते हैं. सॉफ्टेवयर के जरिये आईटीआर भरना आसान है. इसमें बार-बार एक डाटा भरने की जरूरत नहीं होती है. सॉफ्टवेयर एक बार बनाए गए मास्टर डाटा से सभी जरूरी डाटा उठा लेता है. सॉफ्टवेयर यूजर्स को कंपेरिजन, रिकांसिलेशन और एरर रेक्टिफिकेशन की सुविधा उपलब्ध कराता है. रिटर्न फाइल करने से पहले यूजर सॉफ्टवेयर की मदद से पहले से भरा हुआ फॉर्म हासिल कर सकता है और गलती सुधार सकता है.
समय से आईटीआर फाइल करने के ये हैं फायदे
आईटीआर फाइल करने के लिए अंतिम तिथि तक इंतजार करना ठीक नहीं माना जाता है. दरअसल, आखिरी दिन से पहले आईटीआर फाइल करने के कई फायदे हैं. समय से पहले रिटर्न दाखिल करने पर किसी प्रकार की गलती होने पर सुधारने का मौका मिल जाता है. बता दें कि आईटीआर में गलती होने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से टैक्सपेयर पर पेनाल्टी लगाई जा सकती है या नोटिस भी भेजा जा सकता है. वहीं, इसका दूसरा फायदा यह है कि टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिफंड जल्दी मिल जाता है. रिटर्न फाइल करने से पहले फॉर्म 16, रेंटल एग्रीमेंट्स, प्रॉपर्टी टैक्स रिसीट्स, होम लोन के लिए इंटरेस्ट सर्टिफिकेट, बैंक स्टेटमेंट, बैंक लोन के इंटरेस्ट सर्टिफिकेट, कैपिटल गेन स्टेटमेंट, टैक्स सेविंग इंवेस्टमेंट्स तैयार रखें.