प्रदेश के समस्त ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज कराये जाने हेतु अभियान कार्यक्रम के सम्बन्ध में।
यूपी में योगी सरकार का वरासत अभियान : क्या है, कैसे करें आवेदन, क्या होंगे फायदे... जानें सब कुछ एक जगह
यूपी सरकार ने भूमि विवाद खत्म करने को 'Varasat' योजना शुरू की
उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने गांवों में उत्तराधिकार को लेकर उपजे भूमि विवादों को खत्म करने और तहसील और जिला स्तर पर भारी भरकम मामले बनाने वाले संपत्ति के मुकदमों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य में दो महीने तक चलने वाले विशेष 'Varasat' (स्वाभविक उत्तराधिकार) अभियान शुरू किया है.
उत्तर प्रदेश के हर जिलों में होने वाले तहसील दिवस पर भूमि विवाद से जुड़े मामले सबसे ज्यादा आते हैं। पुलिस के आंकड़ों में भी भूमि विवाद से संबधित मामले बहुत ज्यादा दर्ज होते हैं। योगी सरकार ने इन विवादों से निपटने के लिए वरासत अभियान शुरू किया है। क्या है वरासत अभियान कैसे करें आवेदन, जानें सबकुछ।
■ यूपी में बिना किसी विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज करने के लिए सभी ग्राम सभाओं में वरासत अभियान
■ आपकी जमीन, आपका अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार के संकल्प के साथ दो महीने का विशेष अभियान
■ कैंपेन के दौरान 1,08000 राजस्व गांवों में कई सालों से लंबित पड़े वरासत के मामलों का निस्तारण किया जाएगा
लखनऊ
उत्तर प्रदेश में बिना किसी विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज करने के लिए सभी ग्राम सभाओं में वरासत अभियान चलाया जा रहा है। योगी सरकार ने आपकी जमीन, आपका अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार के संकल्प के साथ दो महीने का विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के दौरान यूपी के लगभग 1,08000 राजस्व गांवों में कई सालों से लंबित पड़े वरासत के मामलों का निस्तारण किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने बताया कि इस वरासत अभियान के तहत गांवों में उत्तराधिकार को लेकर होने वाले जमीनों के विवाद को जल्दी खत्म किया जाएगा। इस अभियान के दौरान किए गए विवादों के निस्तारण के बाद शासन के वरिष्ठ अधिकारी इसका सत्यापन भी करेंगे।
इसलिए शुरू किया गया वरासत अभियान
राज्य के हर जिलों में होने वाले तहसील दिवस पर भूमि विवाद से जुड़े मामले सबसे ज्यादा आते हैं। पुलिस के आंकड़ों में भी भूमि विवाद से संबधित मामले बहुत ज्यादा दर्ज होते हैं। 15 दिसंबर से शुरू हुए वरासत अभियान से जहां तहसील कर्मियों की मनमानी पर रोक लगेगी, वहीं भूमि विवादों पर भी काफी हद तक रोक लग सकेगी।
ऑनलाइन और ऑफलाइन सुविधा,खोले गए काउंटर
इस अभियान के तहत लोगों को वरासत दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह की सुविधाएं दी गई हैं। जिनकी जमीन गांवों में है लेकिन वह कहीं और रह रहे हैं उनके लिए हर तहसील स्तर पर एक काउंटर भी खोला गया है।
वरासत अभियान के लिए हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी
वरासत अभियान के लिए सरकार ने हेल्पलाइन नबंर 0522-2620477 जारी किया है। इस हेल्पलाइन नंबर पर लोग फोन करके सहायता मांग सकते हैं। उन्हें इस पर पूरी जानकारी भी दी जाएगी। इसके अलावा लोग मुख्यमंत्री के हेल्पलाइन नंबर 1076 पर भी कॉल कर सकते हैं। लोगों की मदद के लिए ईमेल आईडी abhiyanvarasat@gmail.com भी जारी की गई है।
लेखपाल करवाएंगे ऑनलाइन आवेदन
राजस्व तहसील अधिकारियों द्वारा राजस्व ग्रामों में खतौनियों को पढ़ने की प्रक्रिया और लेखपाल द्वारा ग्रामवार कार्यक्रम बनाकर सर्वे कर वरासत हेतु प्रार्थनापत्र प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन भरने की कार्रवाई करेंगे।
15 दिसमबर से 30 दिसंबर तक होगी यह कार्रवाई
- राजस्व या तहसील अधिकारियों की ओर से राजस्व ग्रामों में खतौनियों को पढ़ने की प्रक्रिया और लेखपाल की ओर से ग्रामवार कार्यक्रम बनाकर सर्वे कर वरासत के लिए प्रार्थनापत्र लेकर उन्हें ऑनलाइन करना।
- आवेदकों को स्वयं ऑनलाइन या जनसेवा केंद्र पर राजस्व परिषद के वेबसाइट के लिंक पर भी पंजीकरण करने की सुविधा।
31 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच होगी यह कार्रवाई
- लेखपाल द्वारा दर्ज किए गए प्रकरणों या प्राप्त आवेदन पत्रों के संबंध में खुद स्थलीय और अभिलेखीय जांच के बाद विधिक उत्तराधिकारियों के नाम और विवरण के संबंध में अपनी स्पष्ट जांच आख्या पोर्टल पर अंकित करने की प्रक्रिया।
- यदि वारिसान में कोई गलत विवरण अंकित है और लेखपाल उससे असहमत है तो उससे कारण का स्पष्ट उल्लेख करना होगा।
- विवाद का स्पष्ट कारण अंकित करते हुए लेखपाल की ओर से आख्या राजस्व निरीक्षक को 5 कार्य दिवस में ऑनलाइन भेजी जाएगी।
सहमत होने पर लेखपाल सहमित का बट दबाकर अपनी बिंदुवार आख्या राजस्व निरीक्षक को अग्रसारित करेगा।
16 जनवरी से 31 जनवरी तक होगी यह कार्रवाई
- ग्राम राजस्व समिति की खुली बैठक का आयोजन होगा। इस बैठक के लिए डीएम प्रचार-प्रसार करेंगे।
- खुली बैठक में आवेदन की ओर से भरे गए और लेखपाल की दी गई जांच आख्या का विवरण सार्वजनिक रूप से पढ़ा जाएगा। अगर कोई आपत्ति या वसीयत आदि की सूचना मिलती है तो प्राप्त सूचनाओं या आपत्तियों का पूरा विवरण अपनी ऑनलाइन आख्या में अंकित करते हुए यथानियम उत्तराधिकार संबंधि आदेश पारित करेगा।
- संबंधित प्रकरण में राजस्व निरीक्षक अपन स्वतः पूर्ण जांच आख्या की प्रविष्टि पोर्टल पर करने के बाद यथानियम आदेश पारित करेगा।
1 फरवरी से 15 फरवरी
- यह सुनिश्चित किया जाना कि बिना विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से शेष नहीं है।
- डीएम, एडीएम, एसडीएम या दूसरे जनपत स्तरीय अधिकारियों की ओर से निर्विवाद उत्तराधिकार के सभी लंबित प्रकरणों को पूरा कराना सुनिश्चित किया जाएगा।
जानें जरूरी बातें
- आवेदक खुद ऑनलाइन या जनसेवा केंद्र पर राजस्व परिषद की वेबसाइट के लिंक http://vaad.up.nic.in/ पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं।