नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म के दौरान अवकाश देने की मांग पर विचार करने को कहा है। न्यायालय ने सरकारों को मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका को बतौर प्रतिवेदन स्वीकार करने और समुचित और तार्किक निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश धीरूभाई नारायणभाई पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने दोनों सरकारों से कानून, नियम-कायदों और इस तरह के मामलों में लागू होने वाली नीति के अनुरूप जल्द से जल्द फैसला करने को कहा है। पीठ ने कहा कि फैसला व्यावहारिक होना चाहिए।
इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने दिल्ली कामगार संघ की ओर से दाखिल याचिका का निपटारा कर दिया। याचिका में संघ ने सभी वर्ग की महिला कर्मचारियों को महीने में चार दिन का अवकाश देने की मांग की थी। इसमें कहा गया कि माहवारी के दौरान भी यदि कर्मचारी काम करती हैं तो उन्हें अतिरिक्त समय काम करने लिए दिया जाने वाला भत्ता दिया जाए। याचिकाकर्ता ने पीठ को बताया कि यह याचिका सिर्फ अवकाश से संबंधित नहीं है, बल्कि जीवन के अधिकार और महिला कर्मचारियों के सम्मान से जुड़ा है।