नगर निकायों में भी अब आधार आधारित बायोमीट्रिक सिस्टम से ही लगेगी हाजिरी
पहले चरण में उन्नाव, हरदोई, शाहजहांपुर, औरैया और जालौन में लगेंगी मशीनें।
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने अब सभी नगर निकायों में आधार आधारित बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी लगाने की व्यवस्था अनिवार्य करने का फैसला किया है। यह व्यवस्था नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में भी लागू होगी। स्थानीय निकाय निदेशालय ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी अधिशासी अधिकारियों को बायोमीट्रिक मशीनें खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। पहले चरण में उन्नाव, हरदोई,
शाहजहांपुर, औरैया व जालौन में यह व्यवस्था शुरू की जाएगी। स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. काजल ने इन जिलों के अधिशासी अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वे अपने यहाँ पहुंच रही टीम के साथ समन्वय बनाकर बायोमेट्रिक मशीन इंस्टॉल कराएं। मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज जानकारियां टीम के साथ साझा की जाएं। सूत्रों के मुताबिक बायोमीट्रिक सिस्टम को आधार से इसलिए लिंक कराया जा रहा है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि फिंगर प्रिंट उसी व्यक्ति का है, जिसके नाम से इसे दर्ज किया गया है।
तीन साल पहले ही सभी सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों व अधिकारियों की समय से उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए आधार आधारित बायोमीट्रिक सिस्टम से हाजिरी लगाने की व्यवस्था लागू कर दी गई थी। नगर निगमों में तो यह व्यवस्था लागू हो गई, लेकिन नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में बायोमीट्रिक मशीन से उपस्थिति नहीं लग पा रही थी। स्थानीय निकाय निदेशालय ने अब सभी नगर निकायों में बायोमीट्रिक मशीन से उपस्थिति लगवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
मानव संपदा पोर्टल पर नाम होने पर ही दर्ज होगी उपस्थिति
मानव संपदा पोर्टल पर नियमित, संविदा और ठेकेदारी पर काम कर रहे कर्मचारियों की पूरी जानकारी अपलोड करने के आदेश हुए थे। अगर शहरी निकायों के स्तर पर किसी भी कर्मचारी की जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज नहीं कराई गई है तो उसकी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई जाएगी। ऐसे में उसे न तो तनख्वाह मिलेगी और न ही वह संबंधित नगर निकाय का कर्मचारी ही माना जाएगा।