फैसला हाईकोर्ट का : सेवा काल में मृत्यु तो परिवार ग्रेच्युटी पाने का हकदार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि कर्मचारी की सेवा काल के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसका परिवार ग्रेच्युटी पाने का अधिकार है। ग्रेच्युटी को इस आधार पर नहीं रोका जा सकता कि कर्मचारी में रिटायरमेंट का विकल्प नहीं था। बदायूं की सरोज कुमारी, बरेली की रेशम प्यारी और पीलीभीत की प्रेमवती देवी की याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने दिया।
याचीगण के अधिवक्ता कमल कुमार केसरवानी का कहना था कि तीनों याचियों के पति बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद थे। सेवा काल के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। विभाग ने अन्य सभी भुगतान कर दिए। मगर ग्रेच्युटी का भुगतान यह कहते हुए नहीं किया गया कि रेशम प्यारी के पति ने 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं भरा था और विकल्प पर कोई तिथि भी अंकित नहीं थी।